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अब नहीं टूटेंगे ट्रेन की खिड़कियों के शीशे, यात्रियों को नहीं लगेगा पत्थर

नई दिल्ली। अकसर देखने में आता है कि कुछ शरारती तत्व चलती ट्रेन पर पत्थर मारने लगते हैं। इसके चलते ट्रेन की खिड़कियों के शीशे तो टूटते ही हैंं, यात्रियों को चोट भी लगती है। टूटा हुआ शीशा बिखरने से यात्रियों की आंख घायल होने के मामले भी सामने आ चुके हैं। कई बार पत्थरबाजी यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो जाती थी। हाल ही में शुरू हुई नई ट्रेन वंदेभारत पर भी दो-तीन बार पत्थरबाजी की गई थी। ट्रेन के इंजन पर भी पत्थरबाजी की घटनाएं होती रही हैं। इससे ट्रेन चला रहे ड्राइवर की जान का जोखिम बना रहता है। इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे यात्रियों को पत्थरबाजी से बचाने के लिए नई तकनीक अपनाने जा रहा है। पूर्वात्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया, वैसे तो ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटनाएं आम हैं, लेकिन पूर्वात्तर में ऐसी घटनाएं ज्यादा देखने में आती हैं। इसी को देखते हुए ट्रेन की खिड़कियों में लगे शीशों को बदलने का निर्णय लिया गया है। पुराने शीशों की जगह नए विनायल कोट वाले शीशे लगाए जाएंगे। अभी होता ये है कि पत्थर लगते ही शीशा बिखर जाता है। पत्थर भी बोगी के अंदर आकर यात्रियों को लगता है।

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