अफसर बोले-हमने नहीं की कोर्ट के आदेश की अवहेलना
- जिला कलक्टर, एसपी, एसडीएम, डीएसपी, एसएचओ, ईओ एवं पालिकाध्यक्ष ने पेश किया जवाब
- अदालती आदेश की पालना में किए जा रहे कामों का विवरण दिया
संगरिया। प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने अदालत की अवमानना करने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने गुरुवार को यहां वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश की अदालत में जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं की जा रही है। अवहेलना का आरोप झूठा एवं मनगढ़ंत है। प्रशासन, पुलिस और सभी संबंधित विभाग अदालत के आदेश की पूर्ण रूप से पालना कर रहे हैं। जवाब मेंं अधिकारियों ने वह काम बताए हैं, जो अदालत के आदेश की पालना के तहत किए गए हैं।
अदालत में गुरुवार को सुनवाई के अवसर पर जिला कलक्टर जाकिर हुसैन, जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत, एसडीएम संगरिया कपिल यादव, संगरिया के पूर्व डीएसपी देवानंद, संगरिया के पूर्व थानाधिकारी अरुण चौधरी, नगर पालिकाध्यक्ष नत्थूराम सोनी और ईओ देवेन्द्र कौशिक की ओर से जवाब पेश किए गए।
अदालत में पेश जवाब में बताया गया कि अदालत के आदेश की पालना करते हुए आवागमन में बाधा पैदा करने वाले वाहनों को आम सड़कों से हटा दिया गया है। सोलह जनवरी से 23 अप्रेल तक 120 वाहनों के चालान किए गए हैं। न्यायालय, स्टेट स्कूल, सरकारी अस्पताल, गल्र्स होम साइंस कॉलेज क्षेत्र को प्रेशर हॉर्न निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। यहां नियमों की अवहेलना पर सोलह वाहनों के चालान किए गए हैं।
जवाब के अनुसार जामा मस्जिद से शिवबाड़ी, भगत सिंह चौक से अस्पताल सड़क, गोल बाजार से बीकानेर मिष्ठान भंडार तक सड़क पर सुबह आठ से शाम आठ बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। पार्किंग स्थल एवं फुटपाथ की लाइनिंग कर दी गई है।
जवाब में अधिकारियों ने अवमानना का प्रकरण समाप्त किए जाने की मांग की। जवाब में संगरिया के पूर्व डीएसपी देवानंद ने अपना तबादला खाजूवाला होने और थानाधिकारी अरुण चौधरी ने अपना तबादला हनुमानगढ़ टाउन में होने के कारण प्रकरण से नाम हटाने की गुहार अदालत से लगाई है।
उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय आर्य ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आगामी सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख तय कर दी है।
यह दिया था कोर्ट ने फैसला...
गौरतलब है कि उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय आर्य की ओर से पेश लोकहित वाद पर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ने 16 जनवरी को फैसला सुनाया था। फैसले में न्यायाधीश ने संगरिया पालिका क्षेत्र में आवासीय, व्यवसायिक तथा सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग स्थल चिन्हित कर आरक्षित करने, आवागमन बाधित करने वाले वाहनों को हटाने, शहर में सुविधा और समय अनुसार भारी वाहनों का प्रवेश निषेध करने एवं सार्वजनिक मार्ग, अस्पताल, स्कूल, न्यायालय परिसर आदि को हॉर्न निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने की व्यवस्था एवं कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश प्रशासन तथा संबंधित विभागों को दिए। फैसले की पालना नहीं होने के कारण संजय आर्य ने कोर्ट से अवमानना की कार्रवाई की गुहार लगाई।
- अदालती आदेश की पालना में किए जा रहे कामों का विवरण दिया
संगरिया। प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने अदालत की अवमानना करने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने गुरुवार को यहां वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश की अदालत में जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं की जा रही है। अवहेलना का आरोप झूठा एवं मनगढ़ंत है। प्रशासन, पुलिस और सभी संबंधित विभाग अदालत के आदेश की पूर्ण रूप से पालना कर रहे हैं। जवाब मेंं अधिकारियों ने वह काम बताए हैं, जो अदालत के आदेश की पालना के तहत किए गए हैं।
अदालत में गुरुवार को सुनवाई के अवसर पर जिला कलक्टर जाकिर हुसैन, जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत, एसडीएम संगरिया कपिल यादव, संगरिया के पूर्व डीएसपी देवानंद, संगरिया के पूर्व थानाधिकारी अरुण चौधरी, नगर पालिकाध्यक्ष नत्थूराम सोनी और ईओ देवेन्द्र कौशिक की ओर से जवाब पेश किए गए।
अदालत में पेश जवाब में बताया गया कि अदालत के आदेश की पालना करते हुए आवागमन में बाधा पैदा करने वाले वाहनों को आम सड़कों से हटा दिया गया है। सोलह जनवरी से 23 अप्रेल तक 120 वाहनों के चालान किए गए हैं। न्यायालय, स्टेट स्कूल, सरकारी अस्पताल, गल्र्स होम साइंस कॉलेज क्षेत्र को प्रेशर हॉर्न निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। यहां नियमों की अवहेलना पर सोलह वाहनों के चालान किए गए हैं।
जवाब के अनुसार जामा मस्जिद से शिवबाड़ी, भगत सिंह चौक से अस्पताल सड़क, गोल बाजार से बीकानेर मिष्ठान भंडार तक सड़क पर सुबह आठ से शाम आठ बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। पार्किंग स्थल एवं फुटपाथ की लाइनिंग कर दी गई है।
जवाब में अधिकारियों ने अवमानना का प्रकरण समाप्त किए जाने की मांग की। जवाब में संगरिया के पूर्व डीएसपी देवानंद ने अपना तबादला खाजूवाला होने और थानाधिकारी अरुण चौधरी ने अपना तबादला हनुमानगढ़ टाउन में होने के कारण प्रकरण से नाम हटाने की गुहार अदालत से लगाई है।
उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय आर्य ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आगामी सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख तय कर दी है।
यह दिया था कोर्ट ने फैसला...
गौरतलब है कि उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय आर्य की ओर से पेश लोकहित वाद पर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ने 16 जनवरी को फैसला सुनाया था। फैसले में न्यायाधीश ने संगरिया पालिका क्षेत्र में आवासीय, व्यवसायिक तथा सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग स्थल चिन्हित कर आरक्षित करने, आवागमन बाधित करने वाले वाहनों को हटाने, शहर में सुविधा और समय अनुसार भारी वाहनों का प्रवेश निषेध करने एवं सार्वजनिक मार्ग, अस्पताल, स्कूल, न्यायालय परिसर आदि को हॉर्न निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने की व्यवस्था एवं कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश प्रशासन तथा संबंधित विभागों को दिए। फैसले की पालना नहीं होने के कारण संजय आर्य ने कोर्ट से अवमानना की कार्रवाई की गुहार लगाई।
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