श्रीविजयनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा फसल खराबा
- पदमपुर, रावला, घड़साना में भी 25 प्रतिशत से कहीं अधिक तो कहीं कम नुकसान
- तहसीलदारों ने जिला प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट
श्रीगंगानगर। पिछले दिनों जिले के विभिन्न उपखंड क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि और तूफान की वजह से गेहूं, चना की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था। जिला प्रशासन के आदेश पर राजस्व अधिकारियों ने पटवारियों के माध्यम से सर्वे करवाया। जिसकी रिपोर्ट आज तहसीलदारों ने जिला प्रशासन को सौंप दी। इसमें श्रीविजयनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा खराबा हुआ है। यहां 25 प्रतिशत से अधिक बीमित क्षेत्र के खराबे वाले पटवार मंडल अधिक हैं।
जानकारी के अनुसार श्रीविजयनगर तहसील के 40 जीबी, 16 एएस (कूपली), 46 जीबी, 10 एएस, 10 बीएलएमए, 5 एएस (मोटासर), 42 जीबी, 12बीएलएमए, 8 बीएलएमबी, 6 बीएलएम में गेहूं की फसल में 25 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है और चने की फसल में भी खराबा हुआ, जिसमें 16 एएस, 10 एएस, 2जीबीए तथा 10 बीएलएम में जौ की फसल प्रभावित हुई है। 25 प्रतिशत से कम क्षेत्र वाले गांवों में 4 बीएलडी, 5 बीएलडीबी, 40 जीबी शामिल हैं। इसके अलावा पदमपुर तहसील में 25 प्रतिशत से अधिक कोई खराबा नहीं हुआ। 25 प्रतिशत से कम खराबे में मुख्यत: पदमपुर, 8एनएनए, चारणा, गुद्देवाला, 7 सीसी, तामकोट, 5 ईईए, जलोकी, 3 आरबीए, बेरां, कासमका, डेलवां, मक्कासर, घमूड़वाली, नरङ्क्षसहपुरा, मांझूवास, फरसेवाला, बख्तावरपुरा, बींझबायला, जीवनदेसर, 58 एलएनपी, 54 एलएनपी, जोड़कियां, रिडमलसर, लालेवाला क्षेत्र में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा सरसों व चने की फसल भी इन गांवों में नष्ट हुई है। इसके अलावा घड़साना तहसील में 25 प्रतिशत से अधिक खराबे में गेहूं की फसल में 2-3 आरजेएम, 10 आरजेडी, 15 केडब्ल्यूएम, जोरावरपुरा-ए, 1एमएलके-सी, जौ की फसल 2-3 आरजेएम, 10 आरजेडी और 15 केडब्ल्यूएम में खराब हुई है। इसके अलावा श्रीगंगानगर, सादुलशहर, अनूपगढ़, श्रीकरणपुर और रायसिंहनगर क्षेत्रों में भी अनेक गांवों में 25 प्रतिशत से अधिक व कम खराबा हुआ है।
- तहसीलदारों ने जिला प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट
श्रीगंगानगर। पिछले दिनों जिले के विभिन्न उपखंड क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि और तूफान की वजह से गेहूं, चना की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था। जिला प्रशासन के आदेश पर राजस्व अधिकारियों ने पटवारियों के माध्यम से सर्वे करवाया। जिसकी रिपोर्ट आज तहसीलदारों ने जिला प्रशासन को सौंप दी। इसमें श्रीविजयनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा खराबा हुआ है। यहां 25 प्रतिशत से अधिक बीमित क्षेत्र के खराबे वाले पटवार मंडल अधिक हैं।
जानकारी के अनुसार श्रीविजयनगर तहसील के 40 जीबी, 16 एएस (कूपली), 46 जीबी, 10 एएस, 10 बीएलएमए, 5 एएस (मोटासर), 42 जीबी, 12बीएलएमए, 8 बीएलएमबी, 6 बीएलएम में गेहूं की फसल में 25 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है और चने की फसल में भी खराबा हुआ, जिसमें 16 एएस, 10 एएस, 2जीबीए तथा 10 बीएलएम में जौ की फसल प्रभावित हुई है। 25 प्रतिशत से कम क्षेत्र वाले गांवों में 4 बीएलडी, 5 बीएलडीबी, 40 जीबी शामिल हैं। इसके अलावा पदमपुर तहसील में 25 प्रतिशत से अधिक कोई खराबा नहीं हुआ। 25 प्रतिशत से कम खराबे में मुख्यत: पदमपुर, 8एनएनए, चारणा, गुद्देवाला, 7 सीसी, तामकोट, 5 ईईए, जलोकी, 3 आरबीए, बेरां, कासमका, डेलवां, मक्कासर, घमूड़वाली, नरङ्क्षसहपुरा, मांझूवास, फरसेवाला, बख्तावरपुरा, बींझबायला, जीवनदेसर, 58 एलएनपी, 54 एलएनपी, जोड़कियां, रिडमलसर, लालेवाला क्षेत्र में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा सरसों व चने की फसल भी इन गांवों में नष्ट हुई है। इसके अलावा घड़साना तहसील में 25 प्रतिशत से अधिक खराबे में गेहूं की फसल में 2-3 आरजेएम, 10 आरजेडी, 15 केडब्ल्यूएम, जोरावरपुरा-ए, 1एमएलके-सी, जौ की फसल 2-3 आरजेएम, 10 आरजेडी और 15 केडब्ल्यूएम में खराब हुई है। इसके अलावा श्रीगंगानगर, सादुलशहर, अनूपगढ़, श्रीकरणपुर और रायसिंहनगर क्षेत्रों में भी अनेक गांवों में 25 प्रतिशत से अधिक व कम खराबा हुआ है।
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