चकमहाराजका पंचायत ने किया साढ़े ग्यारह लाख का गबन
- पहली जांच में सरपंच सचिव को दोषी ठहराया, दूसरी कमेटी की जांच अभी जारी
- वर्ष 2009 व 10 का है मामला
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। सादुलशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत चक महाराजका में निर्माण कार्यों के भुगतान में भारी अनियमितता मिले पर सरपंच व सचिव को जांच कमेटी ने दोषी माना। इस पंचायत ने 11 लाख 51 हजार 77 रुपए का भुगतान कर दिया, लेकिन वास्तव में नकद भुगतान के बिल, वाउचर्स, मस्ट्रोल आदि नहीं मिले और अनेक प्रकार की अनियमितताएं व लापरवाही बरती गई। जिला परिषद द्वारा पहले गठित की गई जांच टीम ने इस अनियमितता को पकड़ा। इस मामले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के वित्तीय सलाहकार ने 11 फरवरी 2019 को जिला परिषद सीईओ से रिपोर्ट मांगी कि इस प्रकरण में दोषी जनप्रतिनिधि/कर्मियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करवाने, गबन की राशि ब्याज सहित वसूलने, विभागीय कार्यवाही कर 15 दिन में रिपेार्ट भिजवाएं। लेकिन दो महीने बाद भी जिला परिषद की ओर से इस मामले में विभाग को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई। बाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जिला परिषद से रिपोर्ट मांगी कि पूर्व की जांच का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाया जाए। 29 मार्च 2019 को जिला परिषद सीईओ सौरभ स्वामी ने विकास अधिकारी सादुलशहर को लिखा कि इस पंचायत के जांच के दस्तावेजों व रिकॉर्ड उपलब्ध करवाएं ताकि एसीबी को इस सम्बंध में अवगत करवाया जा सके।
अब जिला परिषद ने एक ओर जांच कमेटी गठित की है, जिसमें जिला परिषद के पंचायत प्रसार अधिकारी, एकाउंटेंट आदि को लिया गया है, जो इसकी जांच कर रही है।
इनका कहना है
चक महाराजका पंचायत के गबन के मामले की जांच फिर से की जा रही है। अभी तक रिकॉर्ड जुटाया गया है। शीघ्र ही पूरी रिपोर्ट जिला परिषद को सौंपी जाएगी।
-उमाशंकर, पंचायत प्रसार अधिकारी, जिला परिषद
- वर्ष 2009 व 10 का है मामला
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। सादुलशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत चक महाराजका में निर्माण कार्यों के भुगतान में भारी अनियमितता मिले पर सरपंच व सचिव को जांच कमेटी ने दोषी माना। इस पंचायत ने 11 लाख 51 हजार 77 रुपए का भुगतान कर दिया, लेकिन वास्तव में नकद भुगतान के बिल, वाउचर्स, मस्ट्रोल आदि नहीं मिले और अनेक प्रकार की अनियमितताएं व लापरवाही बरती गई। जिला परिषद द्वारा पहले गठित की गई जांच टीम ने इस अनियमितता को पकड़ा। इस मामले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के वित्तीय सलाहकार ने 11 फरवरी 2019 को जिला परिषद सीईओ से रिपोर्ट मांगी कि इस प्रकरण में दोषी जनप्रतिनिधि/कर्मियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करवाने, गबन की राशि ब्याज सहित वसूलने, विभागीय कार्यवाही कर 15 दिन में रिपेार्ट भिजवाएं। लेकिन दो महीने बाद भी जिला परिषद की ओर से इस मामले में विभाग को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई। बाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जिला परिषद से रिपोर्ट मांगी कि पूर्व की जांच का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाया जाए। 29 मार्च 2019 को जिला परिषद सीईओ सौरभ स्वामी ने विकास अधिकारी सादुलशहर को लिखा कि इस पंचायत के जांच के दस्तावेजों व रिकॉर्ड उपलब्ध करवाएं ताकि एसीबी को इस सम्बंध में अवगत करवाया जा सके।
अब जिला परिषद ने एक ओर जांच कमेटी गठित की है, जिसमें जिला परिषद के पंचायत प्रसार अधिकारी, एकाउंटेंट आदि को लिया गया है, जो इसकी जांच कर रही है।
इनका कहना है
चक महाराजका पंचायत के गबन के मामले की जांच फिर से की जा रही है। अभी तक रिकॉर्ड जुटाया गया है। शीघ्र ही पूरी रिपोर्ट जिला परिषद को सौंपी जाएगी।
-उमाशंकर, पंचायत प्रसार अधिकारी, जिला परिषद
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