प्रशासन 'श्रवण कुमारोंÓ की 'फौजÓ से निपटने को तैयार
- चुनाव के नाम पर कार्यालयों में 'भीड़Ó पर भी सख्त रवैया
श्रीगंगानगर। जिला प्रशासन ऐसे 'श्रवण कुमारोंÓ की फौज से निपटने को तैयार है जो अपने माता-पिता की झूठी बीमारी के नाम पर चुनाव से ड्यूटी कटवाने की कोशिश करते हैं। उन लोगों को भी आसानी से चुनावी ड्यूटी से मुक्ति नहीं मिलेगी जो खुद को अस्वस्थ होना बताते हैं या फिर अन्य कोई कारण जताते हैं। इतना ही नहीं जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते चुनाव के नाम पर चुनाव से संबंधित कार्यालयों में अनावश्यक 'भीड़Ó पर भी सख्त हैं।
हर बार चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए अनेक सरकारी अधिकारी-कर्मचारी कोशिश करते हैं। कुछ की परेशानी तो जायज होती है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या अच्छी-खासी होती है जो मेहनत और जिम्मेवारी से बचने के लिए बस यूं ही चुनावी 'चक्करÓ मेें नहीं पडऩा चाहते। जिला कलक्टर ने इस स्थिति को गम्भीर माना है और इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर के समक्ष गत दिनों यह भी बात सामने आई थी कि कई उप जिला कलक्टर एवं तहसीलदारों के यहां चुनाव के नाम पर कुछ ऐसे कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति दे रखी है, जिनकी जरूरत नहीं है। इस प्रतिनियुक्ति की वजह से कुछ कर्मचारियों के मूल कार्यालय में काम-काज प्रभावित होने का भी उन्हें मालूम चला। इस पर नकाते ने बिना वजह की प्रतिनियुक्ति को रद्द करने के निर्देश दिए हैं साथ ही जो प्रतिनियुक्ति पर हैं, उनके जिम्मे दिए गए काम का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
बनाया जा रहा है मेडिकल बोर्ड
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि स्वास्थ्य कारण बता कर चुनावी ड्यूटी कटवाने वालों की असलियत जानने के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जा रहा है। आवश्यकता लगने पर मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई जाएगी। ऐसा करने का मूल मकसद यही है कि चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य से बिना किसी ठोस वजह से छुट्टी चाहने की प्रवृति पर अंकुश लगे। उप जिला कलक्टर एवं तहसीलदार कार्यालयों में बिना वजह प्रतिनियुक्ति पाने वालों पर भी अंकुश लगाया जा रहा है।
श्रीगंगानगर। जिला प्रशासन ऐसे 'श्रवण कुमारोंÓ की फौज से निपटने को तैयार है जो अपने माता-पिता की झूठी बीमारी के नाम पर चुनाव से ड्यूटी कटवाने की कोशिश करते हैं। उन लोगों को भी आसानी से चुनावी ड्यूटी से मुक्ति नहीं मिलेगी जो खुद को अस्वस्थ होना बताते हैं या फिर अन्य कोई कारण जताते हैं। इतना ही नहीं जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते चुनाव के नाम पर चुनाव से संबंधित कार्यालयों में अनावश्यक 'भीड़Ó पर भी सख्त हैं।
हर बार चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए अनेक सरकारी अधिकारी-कर्मचारी कोशिश करते हैं। कुछ की परेशानी तो जायज होती है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या अच्छी-खासी होती है जो मेहनत और जिम्मेवारी से बचने के लिए बस यूं ही चुनावी 'चक्करÓ मेें नहीं पडऩा चाहते। जिला कलक्टर ने इस स्थिति को गम्भीर माना है और इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर के समक्ष गत दिनों यह भी बात सामने आई थी कि कई उप जिला कलक्टर एवं तहसीलदारों के यहां चुनाव के नाम पर कुछ ऐसे कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति दे रखी है, जिनकी जरूरत नहीं है। इस प्रतिनियुक्ति की वजह से कुछ कर्मचारियों के मूल कार्यालय में काम-काज प्रभावित होने का भी उन्हें मालूम चला। इस पर नकाते ने बिना वजह की प्रतिनियुक्ति को रद्द करने के निर्देश दिए हैं साथ ही जो प्रतिनियुक्ति पर हैं, उनके जिम्मे दिए गए काम का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
बनाया जा रहा है मेडिकल बोर्ड
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि स्वास्थ्य कारण बता कर चुनावी ड्यूटी कटवाने वालों की असलियत जानने के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जा रहा है। आवश्यकता लगने पर मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई जाएगी। ऐसा करने का मूल मकसद यही है कि चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य से बिना किसी ठोस वजह से छुट्टी चाहने की प्रवृति पर अंकुश लगे। उप जिला कलक्टर एवं तहसीलदार कार्यालयों में बिना वजह प्रतिनियुक्ति पाने वालों पर भी अंकुश लगाया जा रहा है।
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