इस ओर गौर, किन मुद्दों का जोर
- लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बन रही रणनीति
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए फिलहाल रणनीति बनाने पर सर्वाधिक जोर है। अभी तो कई प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के नाम आने बाकी हैं। ऐसे में चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पार्टी संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले उन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं, जिनका इलाके में जोर है। कांग्रेस और भाजपा ने श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में अपनी जीत के लिए वरिष्ठ जनों को जिम्मेदारियां सौंप दी हैं। दोनों ही दल मतदाताओं को लुभाने में जुट भी गए हैं।
कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सूरतगढ़ में सभा से बीकानेर संभाग में चुनावी शंखनाद कर दिया है। आने वाले दिनों में श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की कई और बड़ी सभाएं करवाने की भी योजना है। भाजपा में भी बड़े नेताओं, स्टार प्रचारकों को बुलाने के लिए मंथन शुरू है। इन बड़ी सभाओं, नुक्कड़ सभाओं और जन सम्पर्क में आखिर ऐसे कौनसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएं कि सामने सुनने वाला मतदाता मोहित हो? इस सवाल का जवाब ढूंढऩे की मशक्कत दोनों दलों में जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव भले ही देश की सरकार के लिए हो और राष्ट्रीय स्तर की बातें प्रचार के दौरान छाई रहें लेकिन फिर भी हर संसदीय क्षेत्र के अपने ऐसे मुद्दे जरूर होते हैं, जिन पर वहां का मतदाता सर्वाधिक ध्यान देता है। बात की जाए श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र की तो भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे समूचे क्षेत्र में कृषि की प्रधानता है। पंजाब से आने वाला दूषित जल परेशानी का सबब है। सिंचाई के लिए नहरी जल की कमी और जीवनदायिनी मानी जाने वाली नहरों की मरम्मत की बात तो सर्वोपरि है ही। कृषि जिन्सों की सरकारी खरीद, इन पर आढ़त तथा श्रीगंगानगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज की जरूरत पर भी जनता का जवाब मांगना तय है।
इस सब स्थिति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस एवं भाजपा के जिला स्तरीय और स्थानीय नेता प्रचार के दौरान राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों की सूची भी बना रहे हैं, जिन्हें बीच-बीच में उठाना है। श्रीगंगानगर जिले में यहां के और हनुमानगढ़ जिले में वहां के चर्चित मुद्दों और मामलों को उठाने की तैयारी हो रही है और इसकी झलक सूरतगढ़ की सभा में दिख भी गई है। अब देखना है कि आम मतदाता अपने लिए किस बात को खास मानता है और किस दल को अपना मानते हुए अपनत्व दर्शाता है।
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए फिलहाल रणनीति बनाने पर सर्वाधिक जोर है। अभी तो कई प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के नाम आने बाकी हैं। ऐसे में चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पार्टी संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले उन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं, जिनका इलाके में जोर है। कांग्रेस और भाजपा ने श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में अपनी जीत के लिए वरिष्ठ जनों को जिम्मेदारियां सौंप दी हैं। दोनों ही दल मतदाताओं को लुभाने में जुट भी गए हैं।
कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सूरतगढ़ में सभा से बीकानेर संभाग में चुनावी शंखनाद कर दिया है। आने वाले दिनों में श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की कई और बड़ी सभाएं करवाने की भी योजना है। भाजपा में भी बड़े नेताओं, स्टार प्रचारकों को बुलाने के लिए मंथन शुरू है। इन बड़ी सभाओं, नुक्कड़ सभाओं और जन सम्पर्क में आखिर ऐसे कौनसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएं कि सामने सुनने वाला मतदाता मोहित हो? इस सवाल का जवाब ढूंढऩे की मशक्कत दोनों दलों में जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव भले ही देश की सरकार के लिए हो और राष्ट्रीय स्तर की बातें प्रचार के दौरान छाई रहें लेकिन फिर भी हर संसदीय क्षेत्र के अपने ऐसे मुद्दे जरूर होते हैं, जिन पर वहां का मतदाता सर्वाधिक ध्यान देता है। बात की जाए श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र की तो भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे समूचे क्षेत्र में कृषि की प्रधानता है। पंजाब से आने वाला दूषित जल परेशानी का सबब है। सिंचाई के लिए नहरी जल की कमी और जीवनदायिनी मानी जाने वाली नहरों की मरम्मत की बात तो सर्वोपरि है ही। कृषि जिन्सों की सरकारी खरीद, इन पर आढ़त तथा श्रीगंगानगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज की जरूरत पर भी जनता का जवाब मांगना तय है।
इस सब स्थिति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस एवं भाजपा के जिला स्तरीय और स्थानीय नेता प्रचार के दौरान राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों की सूची भी बना रहे हैं, जिन्हें बीच-बीच में उठाना है। श्रीगंगानगर जिले में यहां के और हनुमानगढ़ जिले में वहां के चर्चित मुद्दों और मामलों को उठाने की तैयारी हो रही है और इसकी झलक सूरतगढ़ की सभा में दिख भी गई है। अब देखना है कि आम मतदाता अपने लिए किस बात को खास मानता है और किस दल को अपना मानते हुए अपनत्व दर्शाता है।
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