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अभिभावक खुले बाजार से खरीद सकेंगे बच्चों की पुस्तकें

- नए शिक्षा सत्र के लिए सरकार ने लगाई निजी स्कूलों पर लगाम
- किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम नहीं होगा अंकित
श्रीगंगानगर। नए शिक्षा सत्र के लिए सरकार ने निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। मार्गदर्शी सिद्धांत के तहत सरकार ने अभिभावकों को बच्चों की शिक्षण सामग्री आदि बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्रता प्रदान की है।
निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के साथ ही निजी स्कूलों के लिए तय की गई गाइड लाइन भेजी गई है।
विभाग के निर्देशों के अनुसार अब निजी शिक्षण संस्थाएं किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं कर सकेगी। किसी दुकान विशेष से पाठ्य सामग्री, जूते, ड्रेस खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा। पांच वर्ष तक यूनिफॉर्म नहीं बदली जा सकेगी। नियमों की पालना नहीं होने पर संबंधित संस्था की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार मार्गदर्शी सिद्धांत वर्ष 2016-17 के प्रभावी होने के बावजूद निजी विद्यालयों द्वारा पुस्तकों, यूनिफॉर्म, जूते, टाई आदि के नाम पर भारी रकम वसूल की जा रही है। दुकानदार विशेष से यह सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य किया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने पुस्तकों के साथ निजी विद्यालयों द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते, नोटबुक आदि खुले बाजार में किसी भी दुकान से क्रय करने की छूट अभिभावकों को दी है। इसी के साथ निजी स्कूल परिसर में पुस्तकों व अन्य शिक्षण सामग्री के विक्रय पर पाबंदी लगाई है।
निर्देश में प्रत्येक निजी विद्यालय को स्वयं की वेबसाईट संचालित करने के लिए पाबंद किया गया है। वेबसाईट के अभाव में सभी तरह की सूचनाएं व जानकारी आवश्यक रूप से नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करने की हिदायत दी गई है। विद्यालयों को पाबंद किया गया है कि शिक्षण सत्र प्रारम्भ होने से एक माह पूर्व पुस्तकों की सूची, लेखक एवं प्रकाशक का नाम तथा मूल्य के साथ सूचना पटल पर व अपनी वेबसाईट पर प्रदर्शित करना होगा, ताकि अभिभावकों के लिए शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए पारदर्शिता बनी रहे।


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