श्रीगंगानगर समेत कई सीटों पर फंसा हुआ है पेंच
- कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा राहुल के सूरतगढ़ दौरे के बाद
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन में जुटी कांग्रेस में अभी तक राजस्थान की सभी सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है। श्रीगंगानगर समेत कई सीटों पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इनके निपटारे के लिए केन्द्रीय चुनाव समिति की एक बार फिर बैठक होगी। इसके चलते कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा अब 26 मार्च को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सूरतगढ़ दौरे के बाद ही होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान की सीटों पर फैसला नहीं हो पाया। हालांकि बैठक में सभी 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन हुआ, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
सूत्रों के मुताबिक करीब आधा दर्जन सीटों पर पेच फंसा हुआ है, जिसके कारण सहमति नहीं बन पाई। श्रीगंगानगर, नागौर, चूरू, बीकानेर, पाली, जयपुर और अजमेर सहित कई सीटें ऐसी हैं जिन पर अभी सहमति नहीं बन सकी है। नागौर और चूरू में नेताओं की आपसी खींचतान भी सामने आ चुकी है, इसलिए यहां उम्मीदवार तय करने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है।
इस बीच 26 मार्च को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं। वह सूरतगढ़ मेंं आमसभा को संबोधित करेंगे। अब राहुल गांधी के प्रदेश दौरे के बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक एक बार फिर होगी। लिहाजा 26 मार्च के बाद ही उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे।
शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद देर रात दस जनपथ पर केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में काफी मंथन होने के बाद 15 नामों के नाम फाइनल होना बताया जा रहा है। यह भी सामने आ रहा है कि 12 पुराने लोकसभा सांसदों को ही टिकट दिया जाएगा।
श्रीगंगानगर मेंं पेंच फंसने का यह है कारण
श्रीगंगानगर सीट के लिए कांग्रेस में तीन दर्जन से ज्यादा लोगों ने दावेदारी जताई है। यहां से टिकट मांग रहे लोगों में पूर्व सांसद शंकर पन्नू व भरतराम मेघवाल, पूर्व आईएएस ललित मेहरा और पूर्व आईपीएस अधिकारी आरपी सिंह आदि प्रमुख हैं। भाजपा ने अपने पुराने चेहरे निहालचंद मेघवाल पर एक बार फिर दांव लगा दिया है। भाजपा के पत्ता फेंके जाने के बाद कांग्रेस अब जवाब में सोच-समझ कर फैसला करने के मूड में है। पार्टी आलाकमान इस बात पर मंथन में जुटा है कि निहालचंद के मुकाबले किसी पुराने अनुभवी नेता को मैदान में उतारा जाए अथवा किसी नए चेहरे पर दांव लगाया जाए। अभी इस बारे में कुछ फाइनल नहीं हो पाया है।
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन में जुटी कांग्रेस में अभी तक राजस्थान की सभी सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है। श्रीगंगानगर समेत कई सीटों पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इनके निपटारे के लिए केन्द्रीय चुनाव समिति की एक बार फिर बैठक होगी। इसके चलते कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा अब 26 मार्च को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सूरतगढ़ दौरे के बाद ही होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान की सीटों पर फैसला नहीं हो पाया। हालांकि बैठक में सभी 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन हुआ, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
सूत्रों के मुताबिक करीब आधा दर्जन सीटों पर पेच फंसा हुआ है, जिसके कारण सहमति नहीं बन पाई। श्रीगंगानगर, नागौर, चूरू, बीकानेर, पाली, जयपुर और अजमेर सहित कई सीटें ऐसी हैं जिन पर अभी सहमति नहीं बन सकी है। नागौर और चूरू में नेताओं की आपसी खींचतान भी सामने आ चुकी है, इसलिए यहां उम्मीदवार तय करने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है।
इस बीच 26 मार्च को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं। वह सूरतगढ़ मेंं आमसभा को संबोधित करेंगे। अब राहुल गांधी के प्रदेश दौरे के बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक एक बार फिर होगी। लिहाजा 26 मार्च के बाद ही उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे।
शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद देर रात दस जनपथ पर केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में काफी मंथन होने के बाद 15 नामों के नाम फाइनल होना बताया जा रहा है। यह भी सामने आ रहा है कि 12 पुराने लोकसभा सांसदों को ही टिकट दिया जाएगा।
श्रीगंगानगर मेंं पेंच फंसने का यह है कारण
श्रीगंगानगर सीट के लिए कांग्रेस में तीन दर्जन से ज्यादा लोगों ने दावेदारी जताई है। यहां से टिकट मांग रहे लोगों में पूर्व सांसद शंकर पन्नू व भरतराम मेघवाल, पूर्व आईएएस ललित मेहरा और पूर्व आईपीएस अधिकारी आरपी सिंह आदि प्रमुख हैं। भाजपा ने अपने पुराने चेहरे निहालचंद मेघवाल पर एक बार फिर दांव लगा दिया है। भाजपा के पत्ता फेंके जाने के बाद कांग्रेस अब जवाब में सोच-समझ कर फैसला करने के मूड में है। पार्टी आलाकमान इस बात पर मंथन में जुटा है कि निहालचंद के मुकाबले किसी पुराने अनुभवी नेता को मैदान में उतारा जाए अथवा किसी नए चेहरे पर दांव लगाया जाए। अभी इस बारे में कुछ फाइनल नहीं हो पाया है।
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