लोकसभा चुनाव परिणाम के लिए करना पड़ सकता है पांच दिन और इंतजार
- पर्चियों के मिलान में लगेगा समय
नई दिल्ली। ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान करने पर चुनावी परिणाम आने में पांच दिन का समय अधिक लग सकता है। चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव परिणाम आने में पांच दिन का ज्यादा समय लग सकता है।
उल्लेखनीय है कि 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट में याचिका लगा कर मांग की थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की मिलान करवाया जाए। इससे चुनाव परिणाम की सत्यता पर प्रश्र चिन्ह नहीं लग पाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था।
इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि अगर हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा तो इससे गिनती करने का वक्त बढ़ जाएगा। इसमें करीब पांच दिन तक ज्यादा लग सकते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों की घोषणा 23 मई की जगह 28 मई को हो पाएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि वर्तमान में ऑटोमैटिक रूप से पर्चियों के मिलान का तरीका उपल्ब्ध नहीं है।
आयोग ने आगे कहा कि हमारे पास कोई मैकेनिकल सिस्टम नहीं है क्योंकि वीवीपैट से निकल रही स्लिप पर कोई बारकोड नहीं लगा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 तो विधानसभा चुनाव के नतीजे 30 मई से पहले नहीं आ पाएंगे।
विपक्षी दलों की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया था कि ऐसा करने से चुनाव परिणाम की घोषणा में अधिक से अधिक तीन-चार घंटों का अधिक समय लगेगा।
नई दिल्ली। ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान करने पर चुनावी परिणाम आने में पांच दिन का समय अधिक लग सकता है। चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव परिणाम आने में पांच दिन का ज्यादा समय लग सकता है।
उल्लेखनीय है कि 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट में याचिका लगा कर मांग की थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की मिलान करवाया जाए। इससे चुनाव परिणाम की सत्यता पर प्रश्र चिन्ह नहीं लग पाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था।
इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि अगर हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा तो इससे गिनती करने का वक्त बढ़ जाएगा। इसमें करीब पांच दिन तक ज्यादा लग सकते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों की घोषणा 23 मई की जगह 28 मई को हो पाएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि वर्तमान में ऑटोमैटिक रूप से पर्चियों के मिलान का तरीका उपल्ब्ध नहीं है।
आयोग ने आगे कहा कि हमारे पास कोई मैकेनिकल सिस्टम नहीं है क्योंकि वीवीपैट से निकल रही स्लिप पर कोई बारकोड नहीं लगा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 तो विधानसभा चुनाव के नतीजे 30 मई से पहले नहीं आ पाएंगे।
विपक्षी दलों की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया था कि ऐसा करने से चुनाव परिणाम की घोषणा में अधिक से अधिक तीन-चार घंटों का अधिक समय लगेगा।
No comments