चुनाव मेंं सुरक्षा के लिए कई निर्णय, अन्तर्राज्यीय नाके और तस्करों पर कड़ी नजर
- पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के आला अफसरों की सिरसा में बैठक
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव के दौरान बॉर्डर एरिया में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए कल सिरसा में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बॉर्डर एरिया के 9 जिलों के जिला कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए तीनों राज्यों के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। क्योंकि चुनाव के दौरान सीमा पार से ही तस्करी एवं अन्य घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की जा सकती है। ऐसे में पुलिस एवं सिविल प्रशासन इससे निपटने के लिए तैयारी कर चुका है।
इसको लेकर तीनों राज्यों की पुलिस एवं प्रशासन का मानना है कि चुनाव के दिनों में ऐसी घटनाएं को रोकने के लिए पुलिस का सतर्क रहना जरूरी है।
चुनाव के दौरान बॉर्डर एरिया से असामाजिक तत्व अपनी सरगर्मी बढ़ा देते हैं। बैठक में तय किया गया कि तीनों राज्यों के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहकर आपसी तालमेल बनाए रखेंगे, ताकि जरूरत पडऩे पर पुलिस एक्शन ले सके और आरोपियों को दबोचा जा सके।
तीनों राज्यों के अधिकारियों का एक वॉट्सएप गु्रप बनाया जाएगा। इसमें तीनों राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे। यह अधिकारी अपने इलाकों के अपराधियों और तस्करों का डाटा एक-दूसरे से शेयर करेंगे। इसकी मदद से दूसरे राज्य के किसी भी संदिग्ध अपराधी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
बॉर्डर से होने वाली तस्करी रोकने के लिए पैनी नजर रखने एवं उनकी धरपकड़ के लिए इंटरस्टेट नाके भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ऐसे इंटरस्टेट नाकों की मदद से हर आने-जाने वाले संदिग्धों की चेकिंग की जाएगी। पंजाब के लिए इंटरस्टेट नाके अहम है क्योंकि सूबे की सीमा दूसरे राज्यों के साथ-साथ इंटरनेशनल बॉर्डर पाकिस्तान से भी लगती है।
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव के दौरान बॉर्डर एरिया में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए कल सिरसा में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बॉर्डर एरिया के 9 जिलों के जिला कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए तीनों राज्यों के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। क्योंकि चुनाव के दौरान सीमा पार से ही तस्करी एवं अन्य घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की जा सकती है। ऐसे में पुलिस एवं सिविल प्रशासन इससे निपटने के लिए तैयारी कर चुका है।
इसको लेकर तीनों राज्यों की पुलिस एवं प्रशासन का मानना है कि चुनाव के दिनों में ऐसी घटनाएं को रोकने के लिए पुलिस का सतर्क रहना जरूरी है।
चुनाव के दौरान बॉर्डर एरिया से असामाजिक तत्व अपनी सरगर्मी बढ़ा देते हैं। बैठक में तय किया गया कि तीनों राज्यों के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहकर आपसी तालमेल बनाए रखेंगे, ताकि जरूरत पडऩे पर पुलिस एक्शन ले सके और आरोपियों को दबोचा जा सके।
तीनों राज्यों के अधिकारियों का एक वॉट्सएप गु्रप बनाया जाएगा। इसमें तीनों राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे। यह अधिकारी अपने इलाकों के अपराधियों और तस्करों का डाटा एक-दूसरे से शेयर करेंगे। इसकी मदद से दूसरे राज्य के किसी भी संदिग्ध अपराधी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
बॉर्डर से होने वाली तस्करी रोकने के लिए पैनी नजर रखने एवं उनकी धरपकड़ के लिए इंटरस्टेट नाके भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ऐसे इंटरस्टेट नाकों की मदद से हर आने-जाने वाले संदिग्धों की चेकिंग की जाएगी। पंजाब के लिए इंटरस्टेट नाके अहम है क्योंकि सूबे की सीमा दूसरे राज्यों के साथ-साथ इंटरनेशनल बॉर्डर पाकिस्तान से भी लगती है।
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