स्कूल कनिष्ट सहायक के निलम्बन की तैयारी
- पहले ही थमाई जा चुकी है चार्जशीट
श्रीगंगानगर। मटका चौक स्थित राबाउमावि के कनिष्ट सहायक रमेश सोनी के निलम्बन की तैयारी शुरू हो गई है। इन्हें 17 सीसीए के अंतर्गत चार्जशीट थमा दी गई है। प्रशासन ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निलम्बन की अनुशंसा भी की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 37 राजेन्द्रा चिल्ड्रन एकेडमी, पुरानी आबादी पर रमेश सोनी को बीएलओ नियुक्त किया गया था। इस कार्य अवधि में युवा मतदाता पंजीकरन महोत्सव मनाया गया था। इसके अंतर्गत निर्धारित तिथियों पर मतदान केन्द्र पर उपस्थित रहकर युवा मतदाताओं को जोड़ा जाना था। परंतु एसडीएम के निरीक्षण में यह पाया गया कि रमेश सोनी मतदान केन्द्र पर उपस्थित ही नहीं हुए।
इसके अलावा राउप्रावि नंबर तीन रविदास नगर के लिए बीएलओ नियुक्त किया गया था, लेकिन सोनी ने बीएलओ का कार्यभार प्राप्त ही नहीं किया। एसडीएम कार्यालय से बुलाए जाने पर भी आवश्यक रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इस मामले में 13 जून 2018 को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।
पुनर्निरीक्षण के दौरान भी बिना किसी कारण के मतदान केन्द्र पर अनुपस्थित रहे। इसके लिए जांच में इन्हें दोषी ठहराया गया है।
श्रीगंगानगर। मटका चौक स्थित राबाउमावि के कनिष्ट सहायक रमेश सोनी के निलम्बन की तैयारी शुरू हो गई है। इन्हें 17 सीसीए के अंतर्गत चार्जशीट थमा दी गई है। प्रशासन ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निलम्बन की अनुशंसा भी की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 37 राजेन्द्रा चिल्ड्रन एकेडमी, पुरानी आबादी पर रमेश सोनी को बीएलओ नियुक्त किया गया था। इस कार्य अवधि में युवा मतदाता पंजीकरन महोत्सव मनाया गया था। इसके अंतर्गत निर्धारित तिथियों पर मतदान केन्द्र पर उपस्थित रहकर युवा मतदाताओं को जोड़ा जाना था। परंतु एसडीएम के निरीक्षण में यह पाया गया कि रमेश सोनी मतदान केन्द्र पर उपस्थित ही नहीं हुए।
इसके अलावा राउप्रावि नंबर तीन रविदास नगर के लिए बीएलओ नियुक्त किया गया था, लेकिन सोनी ने बीएलओ का कार्यभार प्राप्त ही नहीं किया। एसडीएम कार्यालय से बुलाए जाने पर भी आवश्यक रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इस मामले में 13 जून 2018 को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।
पुनर्निरीक्षण के दौरान भी बिना किसी कारण के मतदान केन्द्र पर अनुपस्थित रहे। इसके लिए जांच में इन्हें दोषी ठहराया गया है।
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