खाकी वालों को साप्ताहिक अवकाश नहीं, 15 दिन में छुट्टी संभव
- साप्ताहिक अवकाश देने मेंं स्टाफ की कमी आ रही आड़े
श्रीगंगानगर। पुलिस मुख्यालय के स्तर पर चल रही कवायद के तहत प्रदेश के पुलिस कर्मियों को वीकली ऑफ मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है। संभावना है प्रत्येक पुलिस कर्मी को 15 दिनों में एक बार अवकाश की बात फाइनल हो जाए। यह फैसला अपे्रल में लागू हो सकता है। अगर ऐसा हो जाता है तो भी यह पुलिस वालों के लिए बड़ी राहत मानी जाएगी। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों से प्रस्ताव मांगे हैं।
गौरतलब है कि पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की सुविधा नहीं मिलती है। पूरे देश में केवल मध्यप्रदेश ही एक ऐसा राज्य है, जहां पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिल रहा है। यह भी वहां इस साल दिसम्बर में बनी कांग्रेस सरकार ने शुरू किया है। राजस्थान में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की बात उठने पर पुलिस मुख्यालय ने इस दिशा में कवायद शुरू की तो जिला पुलिस अधीक्षकों से फीडबैक जुटाना शुरू किया गया।
जानकार सूत्रों के अनुसार इस फीडबैक ये यह बात निकल कर सामने आई है कि अगर मौजूदा स्थिति में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देना शुरू किया जाता है तो बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी। पुलिस थानों में आज भी पर्याप्त स्टाफ नहीं है। थानों मेंं नियुक्त पुलिस कर्मी और अधिकारी कई-कई दिन तक अपने घर नहीं जा पाते। उन पर थानों की नियमित ड्यूटी, गश्त, वीआईपी विजिट, इलेक्शन ड्यूटी आदि का भारी बोझ है। ऐसे में उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलने की संभावना नगण्य नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के अनुसार राज्य के पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देना फाइनल हो जाएगा, ऐसी संभावना फिलहाल नहीं है, लेकिन पुलिस मुख्यालय के स्तर पर उन्हें पन्द्रह दिनों में एक अवकाश देने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने साप्ताहिक अवकाश के बारे में प्रस्ताव मांगे हैं। अभी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यालय को प्रस्ताव भेजे जायेंगे। सुरेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर। पुलिस मुख्यालय के स्तर पर चल रही कवायद के तहत प्रदेश के पुलिस कर्मियों को वीकली ऑफ मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है। संभावना है प्रत्येक पुलिस कर्मी को 15 दिनों में एक बार अवकाश की बात फाइनल हो जाए। यह फैसला अपे्रल में लागू हो सकता है। अगर ऐसा हो जाता है तो भी यह पुलिस वालों के लिए बड़ी राहत मानी जाएगी। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों से प्रस्ताव मांगे हैं।
गौरतलब है कि पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की सुविधा नहीं मिलती है। पूरे देश में केवल मध्यप्रदेश ही एक ऐसा राज्य है, जहां पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिल रहा है। यह भी वहां इस साल दिसम्बर में बनी कांग्रेस सरकार ने शुरू किया है। राजस्थान में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की बात उठने पर पुलिस मुख्यालय ने इस दिशा में कवायद शुरू की तो जिला पुलिस अधीक्षकों से फीडबैक जुटाना शुरू किया गया।
जानकार सूत्रों के अनुसार इस फीडबैक ये यह बात निकल कर सामने आई है कि अगर मौजूदा स्थिति में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देना शुरू किया जाता है तो बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी। पुलिस थानों में आज भी पर्याप्त स्टाफ नहीं है। थानों मेंं नियुक्त पुलिस कर्मी और अधिकारी कई-कई दिन तक अपने घर नहीं जा पाते। उन पर थानों की नियमित ड्यूटी, गश्त, वीआईपी विजिट, इलेक्शन ड्यूटी आदि का भारी बोझ है। ऐसे में उन्हें साप्ताहिक अवकाश मिलने की संभावना नगण्य नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के अनुसार राज्य के पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देना फाइनल हो जाएगा, ऐसी संभावना फिलहाल नहीं है, लेकिन पुलिस मुख्यालय के स्तर पर उन्हें पन्द्रह दिनों में एक अवकाश देने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने साप्ताहिक अवकाश के बारे में प्रस्ताव मांगे हैं। अभी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यालय को प्रस्ताव भेजे जायेंगे। सुरेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्रीगंगानगर
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