शुगर मिल को परफॉमेंस नहीं दे पाई कम्पनी, ब्लैक लिस्ट की
- पांच करोड़ जब्त किए
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगर मिल का निर्माण करने वाली एसएस इंजीनियर कम्पनी को मिल प्रशासन ने ब्लैक लिस्ट घोषित कर दिया है। साथ ही, इस कम्पनी की पांच करोड़ परफॉर्मेंस राशि को भी जब्त कर लिया गया है। जब से शुगर मिल का संचालन शुरू किया गया, तब से इसमें अनेक प्रकार की कमियां आनी शुरू हो गई।
नियमानुसार कम्पनी को परफॉर्मेंस ट्रायल देना था, लेकिन अनेक प्रकार की अनियमितताओं की वजह से यह कम्पनी पांच दिन लगातार भी अपना परफॉर्मेंस ट्रायल नहीं दे पाई। जिस कारण किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। मिल अपनी क्षमता के अनुरूप गन्ना पिराई नहीं कर पाई। मिल प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी और बाद में वित्त सचिव ने उक्त कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए इसकी राशि को जब्त करने के आदेश जारी कर दिए। तीन साल तक शुगर मिल में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ था। लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने के बाद सरकार ने नोएडा की इंटीग्रेटेड कैशटैक प्राइवेट लिमिटेड को शुगर मिल के संचालन का ठेका दिया। सीजन में इस कम्पनी को 66 लाख रु. प्रतिमाह और ऑफ सीजन में 26 लाख रु. प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
साढ़े तेरह हजार क्विंटल गन्ने की पिराई पहुंची
श्रीगंगानगर। शुगर मिल का पिराई सत्र शुरू होते ही 7-8 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई हो रही थी। किसानों का कहना था कि यदि यही हाल रहा तो शुगर मिल 14 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कैसे कर पाएगी।
इसके बाद कम्पनी ने इंजीनियरों की सहायता से मिल की तकनीकी कमियों को दूर करना शुरू कर दिया। पिछले 3-4 दिनों से शुगर मिल साढ़े तेरह हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कर रही है, जो एक-दो दिन में 15 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई प्रतिदिन के हिसाब से होनी शुरू हो जाएगी। मिल प्रशासन का कहना है कि इस सम्बंध में लगातार कार्यवाही की जा रही है ताकि गन्ने की पिराई अधिक से अधिक हो।
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगर मिल का निर्माण करने वाली एसएस इंजीनियर कम्पनी को मिल प्रशासन ने ब्लैक लिस्ट घोषित कर दिया है। साथ ही, इस कम्पनी की पांच करोड़ परफॉर्मेंस राशि को भी जब्त कर लिया गया है। जब से शुगर मिल का संचालन शुरू किया गया, तब से इसमें अनेक प्रकार की कमियां आनी शुरू हो गई।
नियमानुसार कम्पनी को परफॉर्मेंस ट्रायल देना था, लेकिन अनेक प्रकार की अनियमितताओं की वजह से यह कम्पनी पांच दिन लगातार भी अपना परफॉर्मेंस ट्रायल नहीं दे पाई। जिस कारण किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। मिल अपनी क्षमता के अनुरूप गन्ना पिराई नहीं कर पाई। मिल प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी और बाद में वित्त सचिव ने उक्त कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए इसकी राशि को जब्त करने के आदेश जारी कर दिए। तीन साल तक शुगर मिल में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ था। लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने के बाद सरकार ने नोएडा की इंटीग्रेटेड कैशटैक प्राइवेट लिमिटेड को शुगर मिल के संचालन का ठेका दिया। सीजन में इस कम्पनी को 66 लाख रु. प्रतिमाह और ऑफ सीजन में 26 लाख रु. प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
साढ़े तेरह हजार क्विंटल गन्ने की पिराई पहुंची
श्रीगंगानगर। शुगर मिल का पिराई सत्र शुरू होते ही 7-8 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई हो रही थी। किसानों का कहना था कि यदि यही हाल रहा तो शुगर मिल 14 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कैसे कर पाएगी।
इसके बाद कम्पनी ने इंजीनियरों की सहायता से मिल की तकनीकी कमियों को दूर करना शुरू कर दिया। पिछले 3-4 दिनों से शुगर मिल साढ़े तेरह हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कर रही है, जो एक-दो दिन में 15 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई प्रतिदिन के हिसाब से होनी शुरू हो जाएगी। मिल प्रशासन का कहना है कि इस सम्बंध में लगातार कार्यवाही की जा रही है ताकि गन्ने की पिराई अधिक से अधिक हो।
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