लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं से पैसा जुटाएगी भाजपा
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर समर्पण निधि फंड की घोषणा
श्रीगंगानगर। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से पैसा जुटाएगी। पार्टी ने इसके लिए समर्पण निधि फंड की स्थापना की है। इस फंड मेंं पार्टी के कार्यकर्ताओं से चंदा लिया जाएगा, जिसे पार्टी चुनावी केम्पेन पर खर्च करेगी। पार्टी ने समर्पण निधि फंड की घोषणा आज जन संघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर कर दी है। पूरे राज्य में पार्टी पदाधिकारियों को फंड जुटाने के लिए कह दिया गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान ने समर्पण निधि जुटाने के अभियान की शुरुआत करते हुए क्षेत्रवार पदाधिकारियों को कलश दे दिए हैं, जिसमें यह राशि जुटाई जाएगी. अभियान के तहत 5 रुपये से लेकर 1000 तक ऑनलाइन लिए जाएंगे जबकि उसके ऊपर की राशि चेक के जरिए पार्टी फंड में दी जाएगी।
आगामी 14 फरवरी तक यह अभियान चलेगा और इस दौरान विभिन्न बूथों पर आम कार्यकर्ताओं से समर्पण निधि की जुटाई जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा को धन की कमी उपलब्धता पहले ही तरह होने की संभावना नहीं है। जहां विधानसभा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए कांग्रेस को आम लोगों के सामने हाथ फैलाने पड़े थे, वहीं अब भाजपा को तंगी का सामना करना पड़ेगा जबकि कांग्रेस को मुंहमांगा चंदा मिलने की संभावना है।
श्रीगंगानगर। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से पैसा जुटाएगी। पार्टी ने इसके लिए समर्पण निधि फंड की स्थापना की है। इस फंड मेंं पार्टी के कार्यकर्ताओं से चंदा लिया जाएगा, जिसे पार्टी चुनावी केम्पेन पर खर्च करेगी। पार्टी ने समर्पण निधि फंड की घोषणा आज जन संघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर कर दी है। पूरे राज्य में पार्टी पदाधिकारियों को फंड जुटाने के लिए कह दिया गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान ने समर्पण निधि जुटाने के अभियान की शुरुआत करते हुए क्षेत्रवार पदाधिकारियों को कलश दे दिए हैं, जिसमें यह राशि जुटाई जाएगी. अभियान के तहत 5 रुपये से लेकर 1000 तक ऑनलाइन लिए जाएंगे जबकि उसके ऊपर की राशि चेक के जरिए पार्टी फंड में दी जाएगी।
आगामी 14 फरवरी तक यह अभियान चलेगा और इस दौरान विभिन्न बूथों पर आम कार्यकर्ताओं से समर्पण निधि की जुटाई जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा को धन की कमी उपलब्धता पहले ही तरह होने की संभावना नहीं है। जहां विधानसभा चुनाव के लिए फंड जुटाने के लिए कांग्रेस को आम लोगों के सामने हाथ फैलाने पड़े थे, वहीं अब भाजपा को तंगी का सामना करना पड़ेगा जबकि कांग्रेस को मुंहमांगा चंदा मिलने की संभावना है।
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