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गुर्जरों ने दौसा के सिकंदरा चौराहे पर रोक दी जयपुर-आगरा हाईवे की रफ्तार

- कई वाहनों को आग लगाई
दौसा। राजस्थान गुर्जर आंदोलन के चौथे दिन सोमवार को सबकी नजर दौसा जिले के सिकंदरा चौराहे पर है। गुर्जरों ने शनिवार को सिकंदरा चौराहे पर बैठक करके सरकार को चेतावनी दी कि अगर दो दिन में आरक्षण की चि_ी नहीं मिली तो सिकंदरा चौराहे पर जयपुर-आगरा हाईवे को जाम कर दिया जाएगा। गुर्जरों का अल्टीमेटम खत्म होते ही सोमवार दोपहर से हाईवे जाम कर दिया गया है।
बता दें कि जयपुर से दौसा होता हुआ आगरा जाने वाला एनएच 21 जाम होने से सैकड़ों वाहन इस रूट पर फंस गए हैं। हालांकि प्रशासन कुछ रूटों को डायवर्ट करके जयपुर-आगरा के बीच जाने वालों लोगों को राहत प्रदान करने की कोशिश में जुटा हुआ है।
गुर्जरों का आंदोलन तीसरे दिन हिंसक हो गया था। आंदोलनकारियों ने धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना राजमार्ग को बंद करने की कोशिश की। इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गयी। उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों की ओर से फायरिंग करने की बात भी सामने आई। झड़प में पुलिस के 4 जवान भी घायल हुए हालांकि, बाद में पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ दिया और करीब एक घंटे बाद हाइवे पर यातायात बहाल कर दिया गया।
गुर्जर दूसरे दिन भी रेल पटरियों से नहीं हटे। तंबू गाड़कर यहीं पर रात बिताई और आरक्षण नहीं मिल जाने तक डटे रहने का ऐलान किया। साथ सवाई माधोपुर के अलावा करौली, अजमेर, हिंडौन समेत अन्य जगहों पर गुर्जर आरक्षण आंदोलन का असर देखने को मिला। वहीं रोडवेज ने करौली-हिंडौन के बीच चलने वाली रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया। गुर्जरों ने दौसा जिले के सिकंदरा चौराहे पर बैठक कर दो दिन बाद जयपुर-आगरा हाईवे जाम करने की चेतावनी दी।
गुर्जर आंदोलन 8 फरवरी 2019 से शुरू हुआ। 13 साल में गुर्जरों का आरक्षण को लेकर यह छठा आंदोलन था। दरअसल, गुर्जरों ने बीस दिन पहले सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 8 फरवरी शाम पांच बजे तक पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। ऐसे में 8 फरवरी को गुर्जरों ने सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में महापंचायत की और फिर मांग नहीं होने पर मकसूदनपुरा में रेल पटरियों पर कब्जा जमाकर आंदोलन शुरू कर दिया। पहले ही दिन दिल्ली-मुम्बई के बीच चलने वाली ट्रेन का संचालन बंद करना पड़ा था। आंदोलनरत गुर्जरों के लिए मलारना डूंगर के देवनारायण मंदिर के पास भोजन तैयार किया गया, जिसकी जिम्मेदारी आस-पास गांवों के गुर्जरों ने उठाई।
भरतपुर में भी धारा-144
पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलनकारी लगातार चौथे दिन सोमवार को भी सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं. रविवार को धौलपुर में आंदोलन के हिंसक होने के बाद एहतियात के तौर पर भरतपुर जिले में भी धारा-144 लगा दी गई है. इससे पहले आंदोलन स्थल मलारना डूंगर क्षेत्र सहित गुर्जर बाहुल्य दौसा और करौली में भी धारा-144 लागू की जा चुकी है. आंदोलन के चलते पिछले चार दिन से दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पूरी तरह से ठप्प है।

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