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लिवर सिरोसिस का संकेत है पेट में सूजन और दर्द, जानें क्या है इस गंभीर बीमारी की वजह

सिरोसिस एक गंभीर अपक्षयी रोग है जो तब होता है जब लिवर में स्वस्थ कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और निशान ऊतक से बदल जाती हैं। आमतौर पर शराब के दुरुपयोग या पुरानी हेपेटाइटिस के परिणामस्वरूप ये बीमारी किसी को भी हो सकती है। जब लिवर की कोशिकाएं कठोर स्कैर टिशु को रास्ता देते हैं तो अंग ठीक से काम करने की क्षमता खो देता है। गंभीर क्षति से लिवर की विफलता और संभवत: मृत्यु हो सकती है।
सिरोसिस, लिवर कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी होती है। इस बीमारी का अंतिम इलाज लिवर प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) होता है। इस रोग में बड़े पैमाने पर लीवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और उनकी जगह फाइबर तंतु ले लेते हैं। साथ ही लिवर की बनावट भी असामान्य हो जाती है, जिससे पोर्टल हाइपरटैंशन की स्थिति पैदा हो जाती है। लिवर सिरोसिस का एक और प्रकार होता है, जिसे नैश सिरोसिस अर्थात नॉन एल्कोहोलिक सिएटो हेपेटाइटिस के नाम से जाना जाता है। यह सिरोसिस एल्कोहॉल का सेवन न करने वालों को भी हो जाता है।
सिरोसिस की अवस्थाएं
सिरोसिस की तीन अवस्थाएं होती हैं, पहली में अनावश्यक थकान, वजन घटना और पाचन संबंधी गडबडियां देखने को मिलती हैं। वहीं दूसरी अवस्था में चक्कर आ ना और उल्टियां, भूख न लगना या बुखार जैसे लक्षण होते हैं। तीसरी व अंतिम अवस्था में उल्टियों के साथ खून आना, बेहोशी और मामूली सी चोट लगने पर खून के बहने का न रुकना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें दवाओं का कोई असर नहीं होता और ट्रांसप्लांट ही इसका एकमात्र उपचार होता है।
लिवर सिरोसिस कारण
शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से।
हेपेटाइटिस बी और वायरल सी का संक्रमण होने पर।
रक्तवर्णकता (रुधिर में लौह तत्व की मात्रा का बढ़ जाना)।
गैर मादक स्टीटोहेपेटाइटिस (इसमें लिवर में वसा जमा हो जाने से लिवर धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है)।
मोटापा व डायबिटीज लिवर सिरोसिस का प्रमुख कारण हैं।
लिवर सिरोसिस के संकेत
पेट में सूजन व दर्द होना
लिवर सिरोसिस में पेट में एक द्रव्य बन जाता है (इस स्थिति को अस्सिटेस के नाम से जाना जाता है)। ऐसा रक्त और द्रव्य में प्रोटीन और एल्बुमिन का स्तर रह जाने के कारण होता है। इसके कारण इतनी सूजन आ जाती है कि मानो कि रोगी गर्भवती है। लिवर के बढऩे के साथ ही पेट में दर्द भी शुरू हो जाता है।
पीलिया होना
यदि त्वचा की रंगत चली जाए और आंखें पीली दिखाई देने लगें तो यह लिवर में खराबी होने का एक मुख्य लक्षण होता है। त्वचा तथा आंखों का इस प्रकार सफेद और पीला होना यह बताता है कि रक्त में बिलीरूबिन (एक पित्त वर्णक) का स्तर अधिक हो गया है, जिस कारण शरीर से व्यर्थ पदार्थ बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
पेशाब का रंग परिवर्तित हो जाना
शरीर में बिलीरूयूबिन की मात्रा अधिक हो जाने पर वह रक्त के द्वारा यूरिन से निकलता है, जो यूरिन के रंग को गहरा बना देती है। यदि कई दिनों से किसी व्यक्ति को ऊपर बताएं गए लक्षण खुद के शरीर में समझ में आते है और उसे पेशाब भी गाढ़ा पीली हो तो जल्द ही डॉक्टर के पास जाएं।
मतली, उल्टी या एसिटिस या फ्लूएड एक्यूमेलेशन
यदि किसी व्यक्ति को हर वक्त मतली और उल्टी आती हों या एसिटिस रहती हो तो यह समस्या का संकेत है। क्योंकि लिवर सिरोसिस की शुरूआत में मरीज को मतली और उल्टी महसूस होती है।

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