दूसरे दिन भी बीएसएनएल में रही हड़ताल
- कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ लगाया धरना
श्रीगंगानगर। बीएसएनएल में राष्ट्रव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल जारी है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते बीएसएनएल के दफ्तरों में कल से ताला लग गया। वहीं महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की है। हड़ताल के चलते बीएसएनएल के दफ्तरों में ताला लगा होने से किसी भी तरह का कामकाज नहीं हुआ।
यह हड़ताल ऑल यूनियंस एन्ड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल फोरम के आव्हान पर की जा रही है। फोरम के कन्वीनर कालूराम वर्मा ने धरनास्थल पर कहा कि बीएसएनएल के निजीकरण किए जाने एवं कर्मचारी हितों की अनदेखी किए जाने को लेकर हड़ताल की जा रही है। फोरम की मांग है कि बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाए। सेवा निर्वत कर्मचारियों की पेंशन का पुनरीक्षण किया जाए।
कर्मचारियों के तृतीय वेतन पुनरीक्षण जैसी लंबित मांगों को लेकर लगातार शिकायत की जा रही थी, वेतन कमेटी की विसंगतियों को दूर करने की मांग की जा रही है, लेकिन प्रबंधन एवं सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं।
श्रीगंगानगर। बीएसएनएल में राष्ट्रव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल जारी है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते बीएसएनएल के दफ्तरों में कल से ताला लग गया। वहीं महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की है। हड़ताल के चलते बीएसएनएल के दफ्तरों में ताला लगा होने से किसी भी तरह का कामकाज नहीं हुआ।
यह हड़ताल ऑल यूनियंस एन्ड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल फोरम के आव्हान पर की जा रही है। फोरम के कन्वीनर कालूराम वर्मा ने धरनास्थल पर कहा कि बीएसएनएल के निजीकरण किए जाने एवं कर्मचारी हितों की अनदेखी किए जाने को लेकर हड़ताल की जा रही है। फोरम की मांग है कि बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाए। सेवा निर्वत कर्मचारियों की पेंशन का पुनरीक्षण किया जाए।
कर्मचारियों के तृतीय वेतन पुनरीक्षण जैसी लंबित मांगों को लेकर लगातार शिकायत की जा रही थी, वेतन कमेटी की विसंगतियों को दूर करने की मांग की जा रही है, लेकिन प्रबंधन एवं सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं।

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