ऑफिस तक पहुंच थी, खुद ही देख लिया आईडी व पासवर्ड
- फर्जी लर्निंग लाइसेंस जारी करने का मामला
श्रीगंगानगर। जिला परिवहन विभाग की आईडी व पासवर्ड चोरी करके 27 फर्जी लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने के आरोपी एजेंट विक्रम कटारिया की विभाग के कार्यालय में अंदर तक पहुंच थी। ऐसे में वह काम के सिलसिले में उस रूम में भी जाता था, जहां कर्मचारी कम्प्यूटर पर आईडी पासवर्ड लगा कर लर्निंग लाइसेंस जारी करते थे।
थाना प्रभारी राजेश सिहाग ने बताया कि जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू की रिपोर्ट पर अज्ञात युवक पर विभाग की आईडी व पासवर्ड का इस्तेमाल करके फर्जी लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच पड़ताल के बाद विभाग के एजेंट विक्रम कटारिया पुत्र मनोहरलाल अरोड़ा निवासी अशोक नगर बी श्रीगंगानगर को गिरफ्तार करके एक दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि में विक्रम कटारिया ने बताया कि विभाग के आईडी व पासवर्ड उसे किसी ने नहीं बताया।
वह कार्यालय में जाता था, तभी उसने खुद ही एक दिन कर्मचारी को आईडी व पासवर्ड लगाते हुए देख लिया था। इसके बाद उसके मन में लालच आ गया और वह खुद ही लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने लगा। इस अवैध काम के बदले में उसने कोई मोटी कमाई नहीं की। विभाग की फीस के साथ वह तीन सौ से चार सौ रुपए ही अधिक लेता था।
आरोपी अब तक 26 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर चुका था। थाना प्रभारी ने बताया कि आज रिमांड अवधि समाप्त होने पर आरोपी को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया जायेगा। पुलिस के भय से डीटीओ कार्यालय के पास स्थित अधिकांश एजेंटों की दुकानें आज बंद दिखाई दी।
श्रीगंगानगर। जिला परिवहन विभाग की आईडी व पासवर्ड चोरी करके 27 फर्जी लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने के आरोपी एजेंट विक्रम कटारिया की विभाग के कार्यालय में अंदर तक पहुंच थी। ऐसे में वह काम के सिलसिले में उस रूम में भी जाता था, जहां कर्मचारी कम्प्यूटर पर आईडी पासवर्ड लगा कर लर्निंग लाइसेंस जारी करते थे।
थाना प्रभारी राजेश सिहाग ने बताया कि जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू की रिपोर्ट पर अज्ञात युवक पर विभाग की आईडी व पासवर्ड का इस्तेमाल करके फर्जी लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच पड़ताल के बाद विभाग के एजेंट विक्रम कटारिया पुत्र मनोहरलाल अरोड़ा निवासी अशोक नगर बी श्रीगंगानगर को गिरफ्तार करके एक दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि में विक्रम कटारिया ने बताया कि विभाग के आईडी व पासवर्ड उसे किसी ने नहीं बताया।
वह कार्यालय में जाता था, तभी उसने खुद ही एक दिन कर्मचारी को आईडी व पासवर्ड लगाते हुए देख लिया था। इसके बाद उसके मन में लालच आ गया और वह खुद ही लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने लगा। इस अवैध काम के बदले में उसने कोई मोटी कमाई नहीं की। विभाग की फीस के साथ वह तीन सौ से चार सौ रुपए ही अधिक लेता था।
आरोपी अब तक 26 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर चुका था। थाना प्रभारी ने बताया कि आज रिमांड अवधि समाप्त होने पर आरोपी को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया जायेगा। पुलिस के भय से डीटीओ कार्यालय के पास स्थित अधिकांश एजेंटों की दुकानें आज बंद दिखाई दी।

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