Breaking News

जिला प्रमुख-प्रधान को छोड़कर सरपंच-वार्ड पंच ले सकेंगे कर्जमाफी का फायदा

- सहकारिता विभाग ने जारी किये दिशा-निर्देश
श्रीगंगानगर/जयपुर। पूर्ववर्ती सरकार के समय किसानों के पचास हजार तक की कर्जमाफी में सामने आई अनियमितताओं के बाद अब विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। हालांकि इस बार पंचायतीराज संस्थाओं के जिला प्रमुख और प्रधान को छोड़कर सरपंच, वार्ड पंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य को योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माना गया है। इस बार विभाग ने कर्जमाफी का लाभ लेने वाले हर किसान से सादे कागज पर शपथ पत्र लेने की अनिवार्यता की है। इसमें किसान को यह देना होगा कि अगर सूचना में गलती पारइं गई तो कर्जमाफी की राशि वापस लौटा दूंगा।
सहकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसमें यह भी बताया गया है कि किसान के कर्ज की गणना किस तरह से की जाएगी। कृषक का डाटा अपलोड होने के बाद एसएमएस के जरिए किसान को सूचना भेजी जाएगी, उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। कर्जमाफी सूचना सत्यापन के लिए भी एक फार्म भरवाया जाएगा। इसमें किसान को समस्त जानकारी देनी होगी।
बैंक स्तरीय कमेटी करेगी सत्यापन : शिविरों के लिए ऋण पर्यवेक्षक, शाखा प्रबंधक एवं प्रधान कार्यालय, बैंक की ओर से सत्यापित की गई समस्त सूचियों की समीक्षा के लिए एक बैंक स्तरीय कमेटी बनाई गई है। इसके समन्वयक प्रबंध निदेशक केन्द्रीय सहकारी बैंक होंगे, जबकि इसमें पांच अन्य सदस्य होंगे।
यह होंगे पात्र : ईपीएफ व्यवस्थान्तर्गत पेंशन भोगी योजना के लाभ के लिए पात्र समझे जाएंगे, जबकि वेतन आधारित नियमित पेंशन भोगी संवर्ग योजनान्तर्गत देय लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे। ग्राम पंचायत सरपंच, वार्डपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य योजना के पात्र होंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी योजना के पात्र होंगे। पुराने कर्ज के प्रकरण, जिनमें समिति स्तर पर भूमि रिकॉर्ड एमसीएल रजिस्टर उपलब्ध नहीं है, वे पात्र नहीं होंगे। मृतक व पलायन सदस्य कृषक को सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ऋणमाफी का लाभ मिलेगा।
यह अपात्र होंगे
वर्तमान सांसद, मंत्री, विधायक, आयकर दाता ऋणी, केन्द्र व राज्य के वेतनभोगी अधिकारी व कर्मचारी, विभिन्न आयोगों में नियुक्त अध्यक्ष व सदस्य, सभी बैंकों में काम करने वाले कार्मिक, पंचायतीराज संस्थाओं के कार्मिक एवं पंचायत समिति के वर्तमान प्रधान और जिला प्रमुख, सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं के पूर्णकालिक कार्मिकों को योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इनके आश्रितों को भी योजना से बाहर रखा गया है।


No comments