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जन सुनवाई में निर्देश ज्यादा, सुनवाई कम

- जिले भर के अधिकारियों को वीसी के माध्यम से निर्देश
श्रीगंगानगर। जिला जन अभियोग निराकरण एवं सर्तकता समिति की बैठक जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट में स्थापित वीसी रूम में हुई। इसमें निर्देश ज्यादा दिए गए, जबकि आने वाले लोगों की सुनवाई बहुत ही कम हुई।
इस कारण हर सुनवाई की तरह की उन्हें इस बार भी निराशा हाथ लगी। लोगों का कहना था कि वीसी रूम का कक्ष काफी छोटा है, जहां अधिकारी ही बहुत मुश्किल से बैठ पाते हैं। जनता कैसे जाएगी। लोगों को काफी देर तक बाहर ही खड़ा रहना पड़ता है। अनेक लोगों ने बताया कि बेठक में अधिकारियों को शिकायतों के निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक, जो हर सप्ताह होती है, वह भी इन दिनों काफी लम्बी चलती है। नतीजा धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता। यही वजह है कि लोगों की शिकायतों का निवारण त्वरित गति से नहीं हो पा रहा।
जिला कलक्टर ने जिले भर के अधिकारियों के कार्यालयों से ही वीसी के माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की। पीडि़त पक्ष की पूरी बात सुनने के बाद संबंधित अधिकारी को अपना पक्ष प्रस्तुत करते है, इसके पश्चात जिला कलक्टर पत्रावली संपादन के लिये निर्देश देते है।
आयोजित बैठक में लालगढ जाटान के चौक की जगह हुए अतिक्रमण में से आधा हटा देने तथा शेष को नही हटाने के प्रकरण की सुनवाई करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि जो अतिक्रमण चिन्हित किये गये थे। उन्हें दो दिन में हटाकर तीसरे दिन रिपोर्ट प्रस्तुत करें। चक 49 एलएनपी के किसान ने अलग से सिंचाई नाका की मांग की, जो संभव नही था, जिसे निरस्त कर दिया गया है। राजकीय जिला चिकित्सालय की कार्मिक रजनी देवी की पेंशन संबंधी प्रकरण की सुनवाई करते हुए बताया कि प्रार्थी का पेंशन पीपीओ जारी कर दिया गया है।
श्रीगंगानगर विधायक राजकुमार गौड ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा आमजन की सुनवाई कर उन्हें राहत प्रदान करने की है। अधिकारियों को आने वाले नागरिकों की पीड़ा को भली प्रकार से सुनकर उसका निदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो कार्य होने लायक है, उसके लिये किसी भी नागरिक को अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर नही लगाने पडे, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।


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