जिले की पेयजल परियोजनाओं को ठीक करें : गौड़
- बीएडीपी को लेकर कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास योजना सीमा क्षेत्र के गांवों के लिये एक महत्वपूर्ण योजना है, जो राजस्थान के सीमा से लगे चार जिलों में इस योजना के तहत विकास के कार्य करवाये जाते है। श्रीगंगानगर जिला कृषि जिला होने के कारण सीमा के नजदीक तक हमारे गांव व ढाणियों बसी हुई है। बीएडीपी के निर्माण व विकास कार्यों से आमजन के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी विकास कार्याें का लाभ मिलता है।
जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में सीमांत क्षेत्र विकास योजना के वर्ष 2019-20 के प्लान के लिये सीमा से 0 से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में विकास कार्यों से संबंधित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जरूरत के कार्य 10 किलोमीटर से थोडा बाहर निकलकर भी लिये जा सकते है। बैठक में विधायक राजकुमार गौड व जिला प्रमुख श्रीमती प्रिंयका श्योरान ने भी सीमा क्षेत्र में करवाये जाने वाले निर्माण व विकास कार्यों के संबंध में अपने सुझाव रखें।
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रथम प्राथमिकता में विकास कार्यों के लिये 29.59 करोड़ तथा द्वितीय प्रथमिकता विकास कार्यों के लिये 14.79 करोड़ रूपये की राशि के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के माध्यम से भारत सरकार को भेजे जायेगें। उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि 44.38 करोड़ की राशि में से 10 प्रतिशत राशि सुरक्षा बलों के लिये विकास कार्यों पर खर्च की जायेगी। 60 प्रतिशत राशि से पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, महिला बाल विकास, समाज कल्याण से संबंधित विकास कार्यों को लिया जायेगा। इसके अलावा शेष राशि से सड़क, भवन व अन्य विकास कार्य लिये जा सकते है।
विधायक राजकुमार गौड ने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल की ज्यादा मांग रहती है। आमजन को स्वच्छ पेयजल मिले, इसके लिये पेयजल परियोजनाओं पर अधिक ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश पेयजल परियोजनाओं में फिल्टर काम नही करते तथा ग्रामीणों को सीधा ही रॉ वाटर सप्लाई किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिये अनुकूल नही है।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह, उपवन संरक्षक पंयोग शशि, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक गुप्ता, विधुत विभाग के अधीक्षण अभियंता के.के.कस्वा एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास योजना सीमा क्षेत्र के गांवों के लिये एक महत्वपूर्ण योजना है, जो राजस्थान के सीमा से लगे चार जिलों में इस योजना के तहत विकास के कार्य करवाये जाते है। श्रीगंगानगर जिला कृषि जिला होने के कारण सीमा के नजदीक तक हमारे गांव व ढाणियों बसी हुई है। बीएडीपी के निर्माण व विकास कार्यों से आमजन के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी विकास कार्याें का लाभ मिलता है।
जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में सीमांत क्षेत्र विकास योजना के वर्ष 2019-20 के प्लान के लिये सीमा से 0 से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में विकास कार्यों से संबंधित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जरूरत के कार्य 10 किलोमीटर से थोडा बाहर निकलकर भी लिये जा सकते है। बैठक में विधायक राजकुमार गौड व जिला प्रमुख श्रीमती प्रिंयका श्योरान ने भी सीमा क्षेत्र में करवाये जाने वाले निर्माण व विकास कार्यों के संबंध में अपने सुझाव रखें।
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रथम प्राथमिकता में विकास कार्यों के लिये 29.59 करोड़ तथा द्वितीय प्रथमिकता विकास कार्यों के लिये 14.79 करोड़ रूपये की राशि के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के माध्यम से भारत सरकार को भेजे जायेगें। उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि 44.38 करोड़ की राशि में से 10 प्रतिशत राशि सुरक्षा बलों के लिये विकास कार्यों पर खर्च की जायेगी। 60 प्रतिशत राशि से पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, महिला बाल विकास, समाज कल्याण से संबंधित विकास कार्यों को लिया जायेगा। इसके अलावा शेष राशि से सड़क, भवन व अन्य विकास कार्य लिये जा सकते है।
विधायक राजकुमार गौड ने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल की ज्यादा मांग रहती है। आमजन को स्वच्छ पेयजल मिले, इसके लिये पेयजल परियोजनाओं पर अधिक ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश पेयजल परियोजनाओं में फिल्टर काम नही करते तथा ग्रामीणों को सीधा ही रॉ वाटर सप्लाई किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिये अनुकूल नही है।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह, उपवन संरक्षक पंयोग शशि, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक गुप्ता, विधुत विभाग के अधीक्षण अभियंता के.के.कस्वा एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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