नोटबंदी के बाद लोगों ने गंवाई नौकरी, सरकार ने रोकी रिपोर्ट
नई दिल्ली। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (हृस्स्ह्र) की तरफ से रोजगार और बेरोजगारी पर तैयार की गई सालाना रिपोर्ट (2017-18) तैयार होने के दो महीने बाद भी सरकार की तरफ से जारी नहीं की गई है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसके विरोध में नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन (हृस्ष्ट) के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है. अखबार के मुताबिक, यह मोदी सरकार में एनएसएसओ की पहली रिपोर्ट है और इसमें नोटबंदी के बाद लोगों की नौकरी जाने और रोजगार में कमी का जिक्र है।
मोहनन एनएससी के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे. इन दोनों के इस्तीफे के बाद एनएससी में अब केवल दो सदस्य रह गए हैं- मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत. मोहनन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'मैंने एनएससी से इस्तीफा दे दिया है. हमें लगता है कि इन दिनों कमीशन पहले की तरह एक्टिव नहीं रहा और हमें यह भी लगता है कि शायद हम कमीशन की जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम नहीं हैं.Ó
मोहनन एनएससी के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे. इन दोनों के इस्तीफे के बाद एनएससी में अब केवल दो सदस्य रह गए हैं- मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत. मोहनन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'मैंने एनएससी से इस्तीफा दे दिया है. हमें लगता है कि इन दिनों कमीशन पहले की तरह एक्टिव नहीं रहा और हमें यह भी लगता है कि शायद हम कमीशन की जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम नहीं हैं.Ó
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