हांफ-हांफ कर चल रही है शुगर मिल
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। कमीनपुरा के पास स्थित शुगर मिल हांफ-हांफ कर चल रही है। जबसे इस शुगर मिल को स्थापित किया है, तभी से इसमें तकनीकी खराबी आना आम बात हो चुकी है।
गन्ना उत्पादक किसान संगठनों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि मिल प्रशासन शुगर मिल को चला नहीं पा रहा। पिछले एक सप्ताह में यह शुगर मिल कई बार रूकी है और मजबूरन मिल प्रशासन को इसकी क्लीनिंग के लिए इसे बंद करना पड़ा है। वर्तमान में भी यही हालात बने हुए हैं। रात्रि 9 बजे के करीब मिल को चलाया गया।
कभी बॉयलर में तो कभी अन्य उपकरणों में तकनीकी खराबी आ जाती है। गन्ना उत्पादक समिति का कहना है कि इस बार क्षेत्र में 20 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ है। क्षेत्र में गन्ने की बम्पर पैदावार है। इसके बावजूद किसानों को निराशा हाथ लग रही है। कारण मिल का रूक-रूक कर चलना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुगर मिल की प्रतिदिन पिराई क्षमता 15 हजार क्विंटल है, लेकिन यह सात से आठ हजार क्विंटल गन्ना रोजाना पिराई ही कर पा रही है। यही गति रही तो शुगर मिल इस पिराई क्षेत्र में बड़ी मुश्किल से 9 से 10 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का आंकड़ा छू पाएगी। शेष गन्ना किसानों को पंजाब की शुगर मिलों में बेचना पड़ेगा। पिछले दिनों किसान संगठनों ने सरकार को चेताया भी था कि मिल की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए अन्यथा आंदोलनात्मक कदम उठाया जाएगा।
गन्ना उत्पादक किसान संगठनों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि मिल प्रशासन शुगर मिल को चला नहीं पा रहा। पिछले एक सप्ताह में यह शुगर मिल कई बार रूकी है और मजबूरन मिल प्रशासन को इसकी क्लीनिंग के लिए इसे बंद करना पड़ा है। वर्तमान में भी यही हालात बने हुए हैं। रात्रि 9 बजे के करीब मिल को चलाया गया।
कभी बॉयलर में तो कभी अन्य उपकरणों में तकनीकी खराबी आ जाती है। गन्ना उत्पादक समिति का कहना है कि इस बार क्षेत्र में 20 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ है। क्षेत्र में गन्ने की बम्पर पैदावार है। इसके बावजूद किसानों को निराशा हाथ लग रही है। कारण मिल का रूक-रूक कर चलना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुगर मिल की प्रतिदिन पिराई क्षमता 15 हजार क्विंटल है, लेकिन यह सात से आठ हजार क्विंटल गन्ना रोजाना पिराई ही कर पा रही है। यही गति रही तो शुगर मिल इस पिराई क्षेत्र में बड़ी मुश्किल से 9 से 10 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का आंकड़ा छू पाएगी। शेष गन्ना किसानों को पंजाब की शुगर मिलों में बेचना पड़ेगा। पिछले दिनों किसान संगठनों ने सरकार को चेताया भी था कि मिल की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए अन्यथा आंदोलनात्मक कदम उठाया जाएगा।
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