शुगर मिल का डिस्टलरी प्लांट ठेके पर दिया
- अब अपनी स्प्रिट से देसी शराब बनाएगी शुगर मिल
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगर मिल का डिस्टलरी प्लांट सरकार ने ठेके पर दे दिया है। अब शुगर मिल अपनी स्प्रिट से देसी शराब बनाएगी। इससे पहले शुगर मिल को अन्य शुगर डिस्टलरी प्लांट से स्प्रिट खरीदनी पड़ रही थी। पिछले डेढ साल से शुगर मिल का यह प्लांट बंद पड़ा था।
अब इसे दिल्ली की एक मॉलिक्युलर कम्पनी को इसके संचालन का ठेका दिया गया है। फरवरी माह में यह डिस्टलरी प्लांट शुरू हो जाएगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुगर मिल महाप्रबंधक ने कम्पनी के अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए लिखा है कि आसवन शाला 30 केएलपीडी एवं बायोमास आधारित 1.2 मेगावाट पॉवर प्लांट चक 23 एफ कमीनपुरा के ऑप्रेशन एवं मेंटनैंस के लिए ऑफर की गई दरें स्वीकृत की गई हैं। कम्पनी को 15 दिन में शुगर मिल में उपस्थित होकर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी एवं अनुबंद की कार्यवाही सम्पादित करने के आदेश दिए गए हैं। डिस्टलरी प्लांट के शुरू होने के बाद एक दिन में 30 हजार लीटर स्प्रिट तैयार होगी। चीनी बनने के बाद शेष बचे मोनासिस से स्प्रिट बनाई जाएगी। कमीनपुरा में शुगर मिल स्थापित होने के बाद यह पहला मौका है, जब डिस्टलरी प्लांट शुरू हो रहा है और शुगर मिल अपनी स्वयं की स्प्रिट तैयार करेगी।
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगर मिल का डिस्टलरी प्लांट सरकार ने ठेके पर दे दिया है। अब शुगर मिल अपनी स्प्रिट से देसी शराब बनाएगी। इससे पहले शुगर मिल को अन्य शुगर डिस्टलरी प्लांट से स्प्रिट खरीदनी पड़ रही थी। पिछले डेढ साल से शुगर मिल का यह प्लांट बंद पड़ा था।
अब इसे दिल्ली की एक मॉलिक्युलर कम्पनी को इसके संचालन का ठेका दिया गया है। फरवरी माह में यह डिस्टलरी प्लांट शुरू हो जाएगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुगर मिल महाप्रबंधक ने कम्पनी के अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए लिखा है कि आसवन शाला 30 केएलपीडी एवं बायोमास आधारित 1.2 मेगावाट पॉवर प्लांट चक 23 एफ कमीनपुरा के ऑप्रेशन एवं मेंटनैंस के लिए ऑफर की गई दरें स्वीकृत की गई हैं। कम्पनी को 15 दिन में शुगर मिल में उपस्थित होकर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी एवं अनुबंद की कार्यवाही सम्पादित करने के आदेश दिए गए हैं। डिस्टलरी प्लांट के शुरू होने के बाद एक दिन में 30 हजार लीटर स्प्रिट तैयार होगी। चीनी बनने के बाद शेष बचे मोनासिस से स्प्रिट बनाई जाएगी। कमीनपुरा में शुगर मिल स्थापित होने के बाद यह पहला मौका है, जब डिस्टलरी प्लांट शुरू हो रहा है और शुगर मिल अपनी स्वयं की स्प्रिट तैयार करेगी।
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