गरीबों के आरक्षण पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गरीब तबकों को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने वाले कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। आरक्षण को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं के मद्देनजर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे। कोर्ट अब इस मामले में चार हफ्ते में सुनवाई करेगा। कोर्ट में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी व शैक्षिणक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई है। यह याचिकाएं यूथ फॉर इक्वालिटी सहित कई संगठन और लोगों ने दाखिल की हैं। याचिकाओं में संविधान संशोधन (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती दी गई है, जिसे संसद के दोनों सदनों ने बतौर 124वें संविधान संशोधन विधेयक, 2019 के तौर पर पारित किया था। याचिकाओं में अनुच्छेद-15 (6) और 16 (6) जोड़े जाने को संविधान के मूल ढांचे में बदलाव बताया गया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे। कोर्ट अब इस मामले में चार हफ्ते में सुनवाई करेगा। कोर्ट में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी व शैक्षिणक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई है। यह याचिकाएं यूथ फॉर इक्वालिटी सहित कई संगठन और लोगों ने दाखिल की हैं। याचिकाओं में संविधान संशोधन (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती दी गई है, जिसे संसद के दोनों सदनों ने बतौर 124वें संविधान संशोधन विधेयक, 2019 के तौर पर पारित किया था। याचिकाओं में अनुच्छेद-15 (6) और 16 (6) जोड़े जाने को संविधान के मूल ढांचे में बदलाव बताया गया है।
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