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गुप्त नवरात्रे पांच फरवरी से, चलेगा देवी आराधना का दौर

- चैत्र तथा शारदीय नवरात्रों से ज्यादा माना जाता है गुप्त नवरात्रों का महत्व
श्रीगंगानगर। माघ महीने के गुप्त नवरात्रे पांच फरवरी से शुरू हो रहे हैं। गुप्त नवरात्रे चौदह फरवरी तक चलेंगे। इस दौरान मां शक्ति की आराधना का दौर चलेगा। श्रद्धालु मां की कृपा हासिल करने के लिए नवरात्रे रखकर विशेष पूजा अनुष्ठान करेंगे। तंत्र-मंत्र, शक्ति साधना तथा महाकाल से जुड़े लोग इस दौरान खास अनुष्ठान करेंगे।
नवरात्रे एक साल में चार बार आते हैं। चैत्र नवरात्रों तथा शारदीय नवरात्रों के बारे में तो हर कोई जानता है लेकिन गुप्त नवरात्रों के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी होती है क्योंकि इस दौरान गुप्त साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रे साल में दो बार माघ महीने के शुक्ल पक्ष तथा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में होते हैं। बहुत सख्त नियमों तथा व्रत की वजह से गुप्त नवरात्रों की साधना बहुत कठिन मानी जाती है।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि गुप्त नवरात्रों का महत्व चैत्र तथा शारदीय नवरात्रों से ज्यादा माना गया है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रों के दौरान व्रत एवं साधना से मां जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं लेकिन इस दौरान साधना करते समय पूर्ण संयमित तथा शुद्ध होना अनिवार्य है।
पंडित पाराशर ने बताया कि इस बार पहला गुप्त नवरात्रा पांच फरवरी माघ शुक्ल प्रतिपदा को होगा। गुप्त नवरात्रे चौदह फरवरी को संपन्न होंगे। गुप्त नवरात्रे तंत्र-मंत्र सिद्धि हासिल करने के इच्छुक लोगों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। देवी मां के विभिन्न स्वरूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याओं की आराधना से तंत्र-मंत्र सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं।
उन्होंने बताया कि घर-गृहस्थी में रमे लोग अगर गुप्त नवरात्रों मेंं दुर्गा सप्त शती का पाठ करते हैं तो उन्हें निरोगी काया, सुख-साधन, भोग विलास की वस्तुओं समेत तमाम सुख-संपदा की प्राप्ति होती है। तमाम तरह के लोभ-लालच और काम, क्रोध को त्याग कर सच्चे मन से साधना करने, कन्याओं को भोजन कराने और उन्हें उपहार आदि देने से माता प्रसन्न हो जाती हैं।
गुप्त नवरात्रों में किस दिन-किसकी पूजा
पांच फरवरी को घट स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा, 6 फरवरी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, 7 फरवरी को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, 8 फरवरीक को मां चंद्रघंटा की पूजा, 9 फरवरी को मां कुष्मांडा पूजा की पूजा, 10 फरवरी, को मां स्कंदमाता व मां सरस्वती की पूजा, 11 फरवरी को मां कात्यायनी की पूजा, 12 फरवरी को  मां कालरात्रि की पूजा, 13 फरवरी को मां महागौरी की पूजा, दुर्गा अष्टमी पूजन तथा 14 फरवरी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इसी के साथ गुप्त नवरात्रे संपन्न होंगे।


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