रेलवे स्टेशनों पर फिर ले सकेंगे कुल्हड़ वाली चाय का स्वाद
- दिल्ली में शुरुआत के बाद धीरे-धीरे पूरे देश में होगी यह व्यवस्था
श्रीगंगानगर। रेलवे स्टेशनों पर अब जल्द ही फिर से यात्री कुल्हड़ वाली चाय का स्वाद ले सकेंगे। रेलवे ने कई साल के बाद पुन: कुल्हड़ों में चाय बेचने के निर्देश जारी किए हैं। एकबारगी यह व्यवस्था दिल्ली और आसपास के स्टेशनों पर की जा रही है लेकिन धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुकानदारों को पैसेंजरों को चाय बेचने के लिए मिट्टी के कुल्हड़, पानी और मैगी, चावल जैसे सामान बेचने के लिए पौधों की पत्तियों से बनाए गए कप, प्लेट और पेपर के थैले उपलब्ध करवाए जाएंगे। रेलवे इसके लिए खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों से संपर्क कर रहा है। प्रारंभ में तो दिल्ली के चार बड़े स्टेशनों पर इस आदेश को लागू किया जाएगा और बाद में इसे सभी स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। कुल्हड़ में चाय बेचने की व्यवस्था फिर से लागू करने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कुम्हारों को रोजगार देना भी है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया था कि इन दोनों स्टेशनों का इस्तेमाल इलाके के आस पास के कुम्हारों को रोजगार देने के लिए किया जाना चाहिए। आयोग ने कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक देने शुरू कर दिए हैं, जिससे वे कम समय में ज्यादा कुल्हड़ बना सकें। आयोग इस साल बिजली से चलने वाले करीब 6,000 चाक समूचे देश में वितरित करेगा।
श्रीगंगानगर। रेलवे स्टेशनों पर अब जल्द ही फिर से यात्री कुल्हड़ वाली चाय का स्वाद ले सकेंगे। रेलवे ने कई साल के बाद पुन: कुल्हड़ों में चाय बेचने के निर्देश जारी किए हैं। एकबारगी यह व्यवस्था दिल्ली और आसपास के स्टेशनों पर की जा रही है लेकिन धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुकानदारों को पैसेंजरों को चाय बेचने के लिए मिट्टी के कुल्हड़, पानी और मैगी, चावल जैसे सामान बेचने के लिए पौधों की पत्तियों से बनाए गए कप, प्लेट और पेपर के थैले उपलब्ध करवाए जाएंगे। रेलवे इसके लिए खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों से संपर्क कर रहा है। प्रारंभ में तो दिल्ली के चार बड़े स्टेशनों पर इस आदेश को लागू किया जाएगा और बाद में इसे सभी स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। कुल्हड़ में चाय बेचने की व्यवस्था फिर से लागू करने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कुम्हारों को रोजगार देना भी है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया था कि इन दोनों स्टेशनों का इस्तेमाल इलाके के आस पास के कुम्हारों को रोजगार देने के लिए किया जाना चाहिए। आयोग ने कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक देने शुरू कर दिए हैं, जिससे वे कम समय में ज्यादा कुल्हड़ बना सकें। आयोग इस साल बिजली से चलने वाले करीब 6,000 चाक समूचे देश में वितरित करेगा।
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