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व्यापारियों की हड़ताल सेफल-सब्जी की होने लगी किल्लत

- किसानों को खुद बेचनी पड़ रही हैं सब्जियां
- गली-मौहल्लों में महंगी बिक रही है सब्जी
श्रीगंगानगर। जिला मुख्यालय पर फल-सब्जी मण्डी में सोमवार रात को हुए हमले की घटना के विरोध में बुधवार को दूसरे दिन भी मण्डी बंद रही। इससे शहर में फल-सब्जी की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। फल-सब्जियों की आवक कम होने से दो दिन में ही भाव बढ़ गए हैं।
मण्डी के थोक व्यापारियों ने मण्डी परिसर में आकर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और मण्डी को असमाजिक तत्वों से मुक्त करवाने की मांग को लेकर बंद का निर्णय ले रखा है। मण्डी में दूसरे दिन हड़ताल के चलते बोली नहीं हुई।
थोक व्यापारियों ने किसी तरह का माल नहीं लिया। हड़ताल की सूचना पहले से होने के कारण बाहर से आने वाली सब्जियां भी नहीं पहुंची हैं। हड़ताल के कारण उपज लेकर आने वाले किसानों को परेशानी हो रही है, वहीं आम लोगों को भी महंगे दामों पर सब्जी बेची जा रही हैं। हालांकि बीरबल चौक, पुरानी आबादी सब्जी मण्डी सहित मुख्य चौराहों पर फल-सब्जी की दुकानें भी हड़ताल के चलते बंद हैं।
गली-मौहल्लो में ठेले लगाकर सब्जी बेचने वाले खुदरा व्यापारी मण्डी के बाहर ही किसानों से माल लेकर महंगे दामों पर बेच रहे हैं। गली-मौहल्लों में 15 रुपए किलो बिकने वाली मटर अब 50 रुपए, 10 रुपए वाला टमाटर 40 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।
इसी तरह अन्य सब्जियों के भी दाम तीन गुना बोले जा रहे हैं। वहीं माल लेकर पहुंचे किसान खुद ही मण्डी के बाहर खुदरा में सब्जी बेच रहे हैं। किसानों ने कृषि उपज मण्डी समिति कार्यालय के बाहर और सामने दुकानें लगा ली है। किसानों का कहना है कि हड़ताल के कारण सभी परेशान हैं। खेत से लाया गया माल पूरा नहीं बिक रहा। जो बिक रहा है, उसके दाम भी पूरे नहीं मिल रहे। शाम को बचा हुआ माल गौशालाओं में देना पड़ रहा है।

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