राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर सार्वजनिक परिवहन बसों की असुरक्षित डिजाइन पर गंभीर चिंता जताई है। आयोग को मिली शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि कई बसों में ड्राइवर केबिन को पूरी तरह अलग बनाया जा रहा है, जिससे आग लगने या आपात स्थिति में ड्राइवर और यात्रियों के बीच समय पर संवाद नहीं हो पाता। आयोग ने इसे यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा बताया और इसे अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन माना है।
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