कुंभकरण, मेघनाद व अहिरावण-रावण वध, आज मनेगा दशहरा
रायसिंहनगर में श्री राम नाट्य क्लब में चल रही लीला मंचन के ग्यारहवें दिन बुधवार को लीला मंचन में लंकापति राजा रावण को लक्ष्मण की मूर्छा टूटने का पता लगने पर उसने अपने भाई कुंभकरण को नींद से जगाया। कुंभकरण ने कहा कि भाई रावण, ये अच्छा नहीं किया।
इसके बाद कुंभकरण युद्ध में जाता है और राम के हाथों मारा जाता है। इसके बाद युद्ध भूमि में मेघनाद, लक्ष्मण के हाथों वीरगति को प्राप्त होता है। रावण उसके बाद अहिरावण के पास जाता है। अहिरावण देवी को बलि चढ़ाने के लिए ले राम-लक्ष्मण को ले जाता है। जब हनुमान को पता चलता है तो वह पाताल लोक में जाकर अहिरावण को मार देते है। अंत में राम-रावण युद्ध होता हैं तो विभीषण के भेद बताने पर युद्ध भूमि में रावण मारा जाता है।
इसके बाद कुंभकरण युद्ध में जाता है और राम के हाथों मारा जाता है। इसके बाद युद्ध भूमि में मेघनाद, लक्ष्मण के हाथों वीरगति को प्राप्त होता है। रावण उसके बाद अहिरावण के पास जाता है। अहिरावण देवी को बलि चढ़ाने के लिए ले राम-लक्ष्मण को ले जाता है। जब हनुमान को पता चलता है तो वह पाताल लोक में जाकर अहिरावण को मार देते है। अंत में राम-रावण युद्ध होता हैं तो विभीषण के भेद बताने पर युद्ध भूमि में रावण मारा जाता है।

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