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सोशल मीडिया बना तनाव की वजह, युवाओं में बढ़ा नोमोफोबिया| SBT News | Rajasthan News


About This Video: 📱 क्या सोशल मीडिया एक आदत नहीं, अब बीमारी बन चुका है? श्रीगंगानगर के विशेषज्ञों की राय में मोबाइल स्क्रीन पर बढ़ती निर्भरता ने इंसान की सेहत और सोच दोनों को कमजोर कर दिया है। 🧠 मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल और डॉ. रूप सिडाना का मानना है कि – सोशल मीडिया से तनाव और डिप्रेशन बढ़ रहा है युवा भ्रमित हो रहे हैं और अपने लक्ष्य से भटक रहे हैं नोमोफोबिया (Nomophobia) एक खतरनाक मानसिक स्थिति बनती जा रही है पबजी, फ्री फायर जैसे गेम युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से खोखला कर रहे हैं 📊 तथ्य: एक व्यक्ति औसतन दिन में 3 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है 12 से 25 वर्ष के मानसिक रोगी 20% तक बढ़े हैं देर रात तक मोबाइल चलाने से नींद, पाचन और आंखों की रोशनी पर बुरा असर 🎯 समाधान: ✔️ स्क्रीन टाइम लिमिट करें ✔️ योग और मेडिटेशन अपनाएं ✔️ शारीरिक खेलों में भाग लें ✔️ खाना खाते समय मोबाइल दूर रखें 👁️‍🗨️ पूरी रिपोर्ट देखें और जानें, कैसे सोशल मीडिया की चमक-दमक असल जीवन को नुकसान पहुंचा रही है। 👍 वीडियो पसंद आए तो Like करें, Share करें और Channel SBT News को Subscribe ज़रूर करें। #SocialMediaAddiction #MentalHealthAwareness #Nomophobia #DigitalDetox #YouthAndSocialMedia #SBTNews #SriganganagarNews #DrRajeevAgrawal #DrRoopSidana #DigitalHealthCrisis #StopScrolling #ScreenTimeAwareness #RealLifeVsReelLife #FreeFireAddiction #PubgAddiction

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