निजी कॉलोनियां 2 साल में विकसित हो रही यूआईटी कॉलोनियां में दशकों बाद भी रो रहे लोग
श्रीगंगानगर में कॉलोनाइजर्स की ओर से काटी जा रही निजी कॉलोनियां लगभग 2 साल में विकसित हो जाती है तो यूआईटी की येाजना में एक दशक बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं होता, आखिर ऐसा क्यों? यूआईटी की कार्यशैली को लेकर यह बड़ा सवाल है। इसका मतलब यह हुआ कि यूआईटी के अधिकारी प्राइवेट कॉलोनियों को जी जान से प्रमोट करते हैं और सरकार की ओर से आमजन को राहत देने के लिए काटी जाने वाली सरकारी कॉलोनी पर ध्यान ही नहीं देते। अधिकारियों की लापरवाही के चलते आम लोगों को प्राइवेट कॉलोनियों की ओर रुख करना पड़ता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बीकानेर संभाग की सबसे बड़ी कॉलोनी गौतमबुद्ध नगर।
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