परमानंद दर्द बोले: उन्होंने पहले खूब पढ़ा और फिर लिखा
श्रीगंगानगर में वरिष्ठ शायर परमानंद दर्द ने कहा है कि जिन्दगी के अनुभवों को कागज पर उतारते हुए सीखने का प्रयास किया है और उसी से थोड़ी-बहुत पहचान मिली है। वे सृजन सेवा संस्थान के मासिक कार्यक्रम 'लेखक से मिलिएÓ की 129वीं कड़ी में रविवार शाम जवाहरनगर स्थित महाराजा अग्रसेन विद्या मंदिर में बतौर लेखक संबोधित कर रहे थे। दर्द ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठजनों की बात मानकर उन्होंने खूब पढ़ा और फिर जो लिखा, उससे उन्हें मान्यता मिली।
कार्यक्रम में परमानंद दर्द ने अपनी सुरीली आवाज में अनेक गजलें पढ़ीं। इन पर श्रोताओं की खूब दाद मिली। बनवारीलाल शर्मा सहित कुछ श्रोताओं ने उनसे सवाल किए, जिनके उन्होंने सहजता से जवाब दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप धेरड़ ने की।
कार्यक्रम में परमानंद दर्द ने अपनी सुरीली आवाज में अनेक गजलें पढ़ीं। इन पर श्रोताओं की खूब दाद मिली। बनवारीलाल शर्मा सहित कुछ श्रोताओं ने उनसे सवाल किए, जिनके उन्होंने सहजता से जवाब दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप धेरड़ ने की।

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