एडमिशन का दौर शुरू होने के साथ ही शुरू हो गई अभिभावकों पर मार
खास बात यह है कि तीस से चालीस पेज की किताबों की कीमतें तीन सौ से चार सौ रुपए तक वसूली जा रही है। अच्छी शिक्षा हर कोई हासिल करना चाहता है। अभिभावक बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें महंगे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
उन्हें हर जरूरी चीज दिलाने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं लेकिन किताबों के मामले में खुद को लुटा-पिटा महसूस कर रहे हैं।
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