लोकायुक्त ने मांगी खुद की पुलिस, छापे डालने का अधिकार:सरकार को सुझाव
राजस्थान में लोकायुक्त ने अपनी सालाना रिपोर्ट में अपने सीमित अधिकारों को लेकर तल्ख टिप्पणियों के साथ राज्य सरकार को कई सुझाव दिए हैं।
साल 1973 से एक्टिव संस्था ने खुद की पुलिस बनाने और छापा डालने के अधिकार की भी सिफारिश की है। साथ ही यूनिवर्सिटी कुलपतियों, स्टाफ, सरपंचों, पार्षदों को भी लोकायुक्त जांच के दायरे में लेने के लिए लिखा है।
लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट में लिखा है कि सरकारी एजेंसियों से व्यवहार में लोगों को भेदभाव और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। मौजूदा लोकायुक्त कानून के प्रावधानों को कमजोर करार देते हुए एमपी-कर्नाटक की तरह ताकतवर बनाने की सिफारिश की है।
साल 1973 से एक्टिव संस्था ने खुद की पुलिस बनाने और छापा डालने के अधिकार की भी सिफारिश की है। साथ ही यूनिवर्सिटी कुलपतियों, स्टाफ, सरपंचों, पार्षदों को भी लोकायुक्त जांच के दायरे में लेने के लिए लिखा है।
लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट में लिखा है कि सरकारी एजेंसियों से व्यवहार में लोगों को भेदभाव और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। मौजूदा लोकायुक्त कानून के प्रावधानों को कमजोर करार देते हुए एमपी-कर्नाटक की तरह ताकतवर बनाने की सिफारिश की है।
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