पचास लोगों के लिए छूट के बावजूद नहीं चला मैरिज पैलेसों का धंधा
- अधिकांश पैलेस काफी बड़े, मिलनी चाहिए 200 से 300 लोगों को छूट
श्रीगंगानगर। कोरोना वायरस से जहां पूरा विश्व भयभीत है वहीं कोरोना ने विवाह समारोह में भारी तामझाम और जमकर होने वाली फिजूलखर्च पर भी लगाम कस दी है। फिजीकल डिस्टेंसिंग से कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने विवाह समारोहों में शामिल होने वालों की संख्या निर्धारित कर दी। इस कारण शहर के मैरिज गार्डन का काम नहीं चल पा रहा है।
मैरिज पैलेस संचालकों के सामने पूर्व में की गई बुकिंग कैंसिल होने के कारण रखरखाव तक करना मुश्किल हो गया है। मैरिज पैलेस तो अब विवाह समारोह की बुकिंग के लिए तरस रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शहर में छोटे बड़े करीब पचास मैरिज पैलेस व गार्डन हैं। हर साल सीजन में विवाह समारोह की बुकिंग से पैलेस संचालक अच्छी खासी आय कमाते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मैरिज पैलेसों में पूर्व में तय कार्यक्रम भी लोगों को रद्द करने पड़े।
कोरोना संक्रमण की आशंका के बाद राज्य सरकार ने विवाह समारोह में केवल पचास लोगों की उपस्थिति तय कर गाइड लाइन जारी कर दी। ऐसे में शहर के कई मैरिज पैलेस विवाह कार्यक्रमों की बुकिंग के लिए तो तैयार हैं, लेकिन कम उपस्थिति के चलते लोगों को पैलेस का खर्चा अधिक लगने लगा है। इस कारण बुकिंग नहीं हो रही।
मैरिज पैलेस एसोसिएशन के अध्यक्ष व ग्रीन वेली पैलेस वाले जुगल डूमरा का मानना है कि अब जब सरकार सभी क्षेत्रों में छूट बढ़ा रही है, तो मैरिज पैलेस में होने वाले विवाह समारोह में भी 150 से 200 लोगों को शामिल करने की छूट मिलनी चाहिए। तब कहीं मैरिज पैलेस को बुकिंग मिल पायेगी। अन्यथा पचास आदमियों के लिए तो बड़ा मैरिज पैलेस बुक करना संचालकों व बुक कराने वाली पार्टी दोनों के लिए ही घाटे का सौदा है। इस कारण लोग छोटे हॉल बुक करवाकर काम चला रहे हैं। यदि बडेृ पैलेसों में 150 से अधिक व्यक्तियों के साथ समारोह की अनुमति मिलती है, तो मैरिज पैलेसों से जुड़े हजारों लोगों को पुन: रोजगार भी मिल जाएगा।
ऑरबिट मैरिज पैलेस वाले शरद अरोड़ा का कहना है कि शहर में अधिकांश मैरिज पैलेस बड़े हैं। जहां दो से पांच हजार तक लोगों के लिए एक साथ व्यवस्थाएं हो सकती हैं। ऐसे पैलेस केवल पचास आदमियों के लिए कोई भी बुक करवाना नहीं चाहता। फिर इन पचास आदमियों में ही डीजे व स्टूडियो वाले, केटर्स-वेटर आदि स्टाफ को भी शामिल माना जाएगा तो फिर विवाह समारोह वाले परिवार के तो 20-25 लोग ही शामिल हो पाएंगे। इसलिए सरकार को मैरिज पैलेस में विवाह समारोह में कम से कम 200 लोगों को शामिल करने की अनुमति देनी चाहिए। ऐसे में बड़े मैरिज पैलेस में शादी समारोह होने पर खुले परिसर में सोशल डिस्टेंस की भी कोई समस्या नहीं रहेगी। साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
श्रीगंगानगर। कोरोना वायरस से जहां पूरा विश्व भयभीत है वहीं कोरोना ने विवाह समारोह में भारी तामझाम और जमकर होने वाली फिजूलखर्च पर भी लगाम कस दी है। फिजीकल डिस्टेंसिंग से कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने विवाह समारोहों में शामिल होने वालों की संख्या निर्धारित कर दी। इस कारण शहर के मैरिज गार्डन का काम नहीं चल पा रहा है।
मैरिज पैलेस संचालकों के सामने पूर्व में की गई बुकिंग कैंसिल होने के कारण रखरखाव तक करना मुश्किल हो गया है। मैरिज पैलेस तो अब विवाह समारोह की बुकिंग के लिए तरस रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शहर में छोटे बड़े करीब पचास मैरिज पैलेस व गार्डन हैं। हर साल सीजन में विवाह समारोह की बुकिंग से पैलेस संचालक अच्छी खासी आय कमाते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मैरिज पैलेसों में पूर्व में तय कार्यक्रम भी लोगों को रद्द करने पड़े।
कोरोना संक्रमण की आशंका के बाद राज्य सरकार ने विवाह समारोह में केवल पचास लोगों की उपस्थिति तय कर गाइड लाइन जारी कर दी। ऐसे में शहर के कई मैरिज पैलेस विवाह कार्यक्रमों की बुकिंग के लिए तो तैयार हैं, लेकिन कम उपस्थिति के चलते लोगों को पैलेस का खर्चा अधिक लगने लगा है। इस कारण बुकिंग नहीं हो रही।
मैरिज पैलेस एसोसिएशन के अध्यक्ष व ग्रीन वेली पैलेस वाले जुगल डूमरा का मानना है कि अब जब सरकार सभी क्षेत्रों में छूट बढ़ा रही है, तो मैरिज पैलेस में होने वाले विवाह समारोह में भी 150 से 200 लोगों को शामिल करने की छूट मिलनी चाहिए। तब कहीं मैरिज पैलेस को बुकिंग मिल पायेगी। अन्यथा पचास आदमियों के लिए तो बड़ा मैरिज पैलेस बुक करना संचालकों व बुक कराने वाली पार्टी दोनों के लिए ही घाटे का सौदा है। इस कारण लोग छोटे हॉल बुक करवाकर काम चला रहे हैं। यदि बडेृ पैलेसों में 150 से अधिक व्यक्तियों के साथ समारोह की अनुमति मिलती है, तो मैरिज पैलेसों से जुड़े हजारों लोगों को पुन: रोजगार भी मिल जाएगा।
ऑरबिट मैरिज पैलेस वाले शरद अरोड़ा का कहना है कि शहर में अधिकांश मैरिज पैलेस बड़े हैं। जहां दो से पांच हजार तक लोगों के लिए एक साथ व्यवस्थाएं हो सकती हैं। ऐसे पैलेस केवल पचास आदमियों के लिए कोई भी बुक करवाना नहीं चाहता। फिर इन पचास आदमियों में ही डीजे व स्टूडियो वाले, केटर्स-वेटर आदि स्टाफ को भी शामिल माना जाएगा तो फिर विवाह समारोह वाले परिवार के तो 20-25 लोग ही शामिल हो पाएंगे। इसलिए सरकार को मैरिज पैलेस में विवाह समारोह में कम से कम 200 लोगों को शामिल करने की अनुमति देनी चाहिए। ऐसे में बड़े मैरिज पैलेस में शादी समारोह होने पर खुले परिसर में सोशल डिस्टेंस की भी कोई समस्या नहीं रहेगी। साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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