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उत्तर पश्चिम रेलवे भी बना रहा आईसोलेशन कोच

-बीकानेर, जयपुर, जोधपुर व कोटा मण्डल मुख्यालयों में तैयार हो  रहे 266 कोचे
 बीकानेर। कोविड-19 से मुकाबले की तैयारियों के तहत रेलवे ने महाभियान छेड़ दिया है। रेलवे के 18 जोन के 70 मण्डल मुख्यालयों पर रेलगाड़ी के कोच को आईसोलेशन कोच में बदलने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के चारों मण्डल मुख्यालयों बीकानेर, जयपुर, जोधपुर व कोटा में आईसोलेशन कोच तैयार किए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे 266 कोच तैयार कर रहा है जिसमें से बीकानेर में 41 आईसोलेशन कोच बनाने का काम चल रहा है। भारतीय रेलवे 20 हजार कोच में लगभग साढ़े तीन लाख बिस्तरों की सुिवधा तैयार कर रहा है। अगले दो दिन में 20 हजार आईसोलेशन कोच तैयार हो जाएंगे। शुरुआत में 5000 कोचों को आईसोलेशन कोचों  में परिवर्तित करने का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है। इन 5000 कोचों में 80000 बिस्तरों की व्यवस्था करने की क्षमता होगी। एक कोच में आइसोलेशन के लिए 16 बिस्तर लगाए जाने की संभावना है।
स्लीपर में स्नानघर की सुविधा
उत्तर पश्चिम रेलव के जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि केवल नॉन-एसी स्लीपर कोचों को ही आईसोलेशन कोचों में परिवर्तित किए जाने के कार्य में उपयोग किए जाने की योजना है। भारतीय शैली के एक शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया जाएगा। इसमें बाल्टी, मग और सोप डिस्पेंसर रखा जाएगा। इसके वाश बेसिन में लिफ्ट टाइप हैंडल वाले नल उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी तरह के नल उचित ऊंचाई पर लगाए जाएंगे, ताकि इनसे बाल्टी में पानी भरा जा सके। बाथरूम के निकट प्रथम कैबिन के गलियारे में दो अस्पताल-प्लास्टिक पर्दे आड़े लगाए जाएंगे ताकि पूरे आठ बर्थ वाले केबिनों का प्रवेश और निकास देखा जा सके। इस कैबिन का उपयोग स्टोर-पैरामेडिक्स एरिया के तौर पर किया जाएगा। चिकित्सा विभाग द्वारा दो ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके लिए इस कैबिन की साइड बर्थ वाली जगह पर उचित क्लैम्पिंग का इंतजाम किया जाएगा।
मिडिल बर्थ हटेगी
प्रत्येक कैबिन के बीच वाले दोनों बर्थ हटाए जाएंगे। चिकित्सा उपकरणों को लगाने के लिए अतिरिक्त बोटल होल्डर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। ये प्रत्येक कैबिन में प्रत्येक बर्थ के लिए दो होंगे। प्रति कैबिन 2 अतिरिक्त 3 पैग कोट हुक्स उपलब्ध कराए जाएंगे। मच्छरों से बचाव के लिए खिड़कियों पर मच्छरदानियां लगाई जाएंगी और वेंटिलेशन का भी उपयुक्त प्रबंध किया जाएगा। प्रत्येक कैबिन में लाल, नीले और पीले रंग के 3 कूड़ेदान उपलब्ध कराए जाएंगे जिनके ढक्कन को पैर से खोला जा सकेगा और उन पर कूड़े वाली थैलियां लगी होंगी। कोचों के इन्सुलेशन के लिए कोच की छत और कोच की खिड़कियों के ऊपर और नीचे दोनों तरफ बांस-खस की चटाइयां चिपकाई जा सकती हैं, ताकि कोच के भीतर ऊष्मा के प्रभाव को रोका जा सके। लैपटॉप और मोबाइल की चार्जिंग के लिए सभी प्वाइंट काम करने की अवस्था में होंगे। यह भी आवश्यक तौर पर सुनिश्चित किया जाएगा कि जब भी कोचों की मांग की जाएगी सुविधाओं संबंधी सभी फिटिंग्स अपनी जगह यथावत होंगी।
ये जोन तैयार कर रहे आइसोलेट कोच
मध्य रेलवे जोन 482, उत्तर पश्चिम रेलवे 266 , पूर्वी रेलवे 338, दक्षिण रेलवे 473, पूर्वी मध्य रेलवे 208, दक्षिण मध्य रेलवे 486 पूर्वी मध्य रेलवे 261, दक्षिण पूर्वी 329, उत्तर रेलवे 370, दक्षिण मध्य रेलवे 111, उत्तर मध्य रेलवे 290, दक्षिण पश्चिम रेलवे 312, पूर्वोत्तर रेलवे 216, पश्चिम रेलवे 410, उत्तर फ्रंटियर रेलवे 315, पश्चिम मध्य रेलवे 133.

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