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लॉक डाउन और मंदे की मार के तले आए शहद कारोबारी

-संभाल के अभाव में मर रहीं मधुमक्खियां, निर्यात न होने से भाव भी गिरे
 श्रीगंगानगर। कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में अर्थव्यवस्था संकट के दौर में है, वही परंपरागत रोजगार भी इसकी चपेट में आ गए हैं। कृषि उत्पादन की वजह से सिरमौर श्रीगंगानगर भी इससे अछूता नहीं है। गेहूं, सरसों, जौ उत्पादकों के साथ-साथ शहद कारोबारियों (बी-कीपर्स) पर भी मंदी की मार पड़ी है। परेशान कारोबारियों ने सरकार से किसानों की तरह आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
श्रीगंगानगर बी-कीपर्स एसोसिएशन अध्यक्ष बलकरण सिंह के अनुसार लॉक डाउन की वजह से कारोबारी दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तो उन्हें मांग न होने से कोल्ड स्टोरेज में रखे शहद का किराया पल्ले से भुगतना पड़ रहा है, वहीं खेतों और खुले में रखे बक्सों में मौजूद पालतू मधुमक्खियां सार-संभाल के अभाव में मर रही हैं। उन्होंने बताया कि निर्यात बंद होने और ऑफ सीजन की वजह से शहद के दाम भी 40 से 50 प्रतिशत तक गिरे हैं। उनके सहित जिले में तकरीबन 100 बी-कीपर्स हैं, जो लॉकडाउन और मंदे की चपेट में है। इसलिए एसोसिएशन की मांग है कि राज्य सरकार किसानों की भांति उन्हें भी आर्थिक सहायता दे, निर्यात और दूर-दराज में रखे बक्सों को लाने की की अनुमति दे।

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