जिले में मात्र 1012 दुकानों का पंजीयन
- अब भी शॉप एक्ट में हो सकता है पंजीयन
- मोहनपाल सिंह सचदेवा
श्रीगंगानगर। सम्पूर्ण जिले में केवल 1012 दुकानेें ही ऐसी हैं, जिनका राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम-1958 के तहत पंजीयन करवाया गया है। यह संख्या भी जिले के उन चार शहरों की है, जहां शॉप एक्ट लागू है जबकि हजारों दुकाने बिना पंजीयन ही संचालित हो रही हैं।
उप श्रम आयुक्त अमरचंद लहरी ने बताया कि शॉप एक्ट में किसी भी कार्य की दुकान का पंजीयन हो सकता है लेकिन लोग लापरवाही के चलते ऐसा नहीं करवाते। बड़े शहरों में तो शॉप एक्ट का बड़ा महत्व समझा जाता है। वहां तो दुकान शुरू करते समय ही प्रोपराइटर पंजीयन के लिए आवेदन कर देता है। लेकिन छोटे शहरों में लोग इसे आवश्यक नहीं समझते। जब बैंक से ऋण आदि के समय आवश्यकता पड़ती है तब ही दुकान पंजीयन के लिए श्रम विभाग की ओर दौड़ते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जिले के श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, श्रीकरणपुर व रायसिंहनगर शहर में ही शॉप एक्ट लागू है। जिले के बाकी शहरों व ग्रामीण इलाकों में यह लागू नहीं होता।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन की जो स्थिति बनी है। उसमें सरकार उन्हीं दुकानों को खोलने की अनुमति दे रही है, जिनका शॉप एक्ट में रजिस्ट्रेशन हो रखा है। इसके अभाव में बड़ी संख्या में आवेदन खारिज हो रहे हैं। ऐसे में अब लोगों को अपनी गलती का एहसास भी हो रहा है। लोग अब पंजीयन प्रक्रिया की जानकारी भी ले रहे हैं। ऐसे लोग चाहें तो अब भी शॉप एक्ट में अपना संस्थान रजिस्ट्रेशन के लिए ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं। पंजीयन शुल्क पांच हजार रुपये निर्धारित है। यदि दुकान पहले से चल रही है, तो पांच हजार रुपये जुर्माना राशि अलग से जमा करवानी होगी।
यूं किया जा सकता है आवेदन
उप श्रम आयुक्त ने बताया कि शॉप एक्ट में दुकान के रजिस्ट्रेशन के लिए सांख्यिकी विभाग से जारी बिजनेस रजिस्ट्रेशन नम्बर, दुकान का रजिस्ट्री पट्टा या किरायानामा, बिजली बिल, दुकान या संस्थान पर काम करने वाले कर्मचारी का ब्यौरा आदि दो फार्मों में भर कर आवेदन किया जा सकता है। यह आवेदन एसएसओ आईडी के आधार पर केवल ऑनलाइन ही किया जा सकता है। आवेदन के बाद 3 से 7 दिन में पंजीयन प्रमाण पत्र जारी हो सकता है।
बिना पंजीयन छूट से इन्कार
मोडिफाइड लॉक डाउन में विभिन्न सेवाओं वाली बिना शॉप एक्ट में पंजीयन वाली दुकानों को खोलने की अनुमति से प्रशासन ने इनकार कर दिया है। इसके लिए आने वाले आवेदनों पर कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी लगाए गए नगर परिषद के सचिव लाजपत बिश्रोई ने बताया कि आज सुबह तक करीब अढ़ाई सौ आवेदन ऑनलाइन मिले हैं। अधिकतर दुकानों का राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम-1958 के तहत पंजीयन नहीं है। इस लिए इन सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है। प्राप्त आवेदनों में से लगभग 10 दुकानों का ही शॉप एक्ट में रजिस्ट्रेशन है लेकिन ये दुकानें बाजार क्षेत्र में होने के कारण खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। करीब पांच दर्जन आवेदन अन्य नगर पालिकाओं से संबंधित थे, जो संबंधित नगर पालिका को भिजवा दिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि दुकानें खोलने की अनुमति मामले में केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की अक्षरश: पालना की जा रही है।
- मोहनपाल सिंह सचदेवा
श्रीगंगानगर। सम्पूर्ण जिले में केवल 1012 दुकानेें ही ऐसी हैं, जिनका राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम-1958 के तहत पंजीयन करवाया गया है। यह संख्या भी जिले के उन चार शहरों की है, जहां शॉप एक्ट लागू है जबकि हजारों दुकाने बिना पंजीयन ही संचालित हो रही हैं।
उप श्रम आयुक्त अमरचंद लहरी ने बताया कि शॉप एक्ट में किसी भी कार्य की दुकान का पंजीयन हो सकता है लेकिन लोग लापरवाही के चलते ऐसा नहीं करवाते। बड़े शहरों में तो शॉप एक्ट का बड़ा महत्व समझा जाता है। वहां तो दुकान शुरू करते समय ही प्रोपराइटर पंजीयन के लिए आवेदन कर देता है। लेकिन छोटे शहरों में लोग इसे आवश्यक नहीं समझते। जब बैंक से ऋण आदि के समय आवश्यकता पड़ती है तब ही दुकान पंजीयन के लिए श्रम विभाग की ओर दौड़ते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जिले के श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, श्रीकरणपुर व रायसिंहनगर शहर में ही शॉप एक्ट लागू है। जिले के बाकी शहरों व ग्रामीण इलाकों में यह लागू नहीं होता।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन की जो स्थिति बनी है। उसमें सरकार उन्हीं दुकानों को खोलने की अनुमति दे रही है, जिनका शॉप एक्ट में रजिस्ट्रेशन हो रखा है। इसके अभाव में बड़ी संख्या में आवेदन खारिज हो रहे हैं। ऐसे में अब लोगों को अपनी गलती का एहसास भी हो रहा है। लोग अब पंजीयन प्रक्रिया की जानकारी भी ले रहे हैं। ऐसे लोग चाहें तो अब भी शॉप एक्ट में अपना संस्थान रजिस्ट्रेशन के लिए ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं। पंजीयन शुल्क पांच हजार रुपये निर्धारित है। यदि दुकान पहले से चल रही है, तो पांच हजार रुपये जुर्माना राशि अलग से जमा करवानी होगी।
यूं किया जा सकता है आवेदन
उप श्रम आयुक्त ने बताया कि शॉप एक्ट में दुकान के रजिस्ट्रेशन के लिए सांख्यिकी विभाग से जारी बिजनेस रजिस्ट्रेशन नम्बर, दुकान का रजिस्ट्री पट्टा या किरायानामा, बिजली बिल, दुकान या संस्थान पर काम करने वाले कर्मचारी का ब्यौरा आदि दो फार्मों में भर कर आवेदन किया जा सकता है। यह आवेदन एसएसओ आईडी के आधार पर केवल ऑनलाइन ही किया जा सकता है। आवेदन के बाद 3 से 7 दिन में पंजीयन प्रमाण पत्र जारी हो सकता है।
बिना पंजीयन छूट से इन्कार
मोडिफाइड लॉक डाउन में विभिन्न सेवाओं वाली बिना शॉप एक्ट में पंजीयन वाली दुकानों को खोलने की अनुमति से प्रशासन ने इनकार कर दिया है। इसके लिए आने वाले आवेदनों पर कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी लगाए गए नगर परिषद के सचिव लाजपत बिश्रोई ने बताया कि आज सुबह तक करीब अढ़ाई सौ आवेदन ऑनलाइन मिले हैं। अधिकतर दुकानों का राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम-1958 के तहत पंजीयन नहीं है। इस लिए इन सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है। प्राप्त आवेदनों में से लगभग 10 दुकानों का ही शॉप एक्ट में रजिस्ट्रेशन है लेकिन ये दुकानें बाजार क्षेत्र में होने के कारण खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। करीब पांच दर्जन आवेदन अन्य नगर पालिकाओं से संबंधित थे, जो संबंधित नगर पालिका को भिजवा दिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि दुकानें खोलने की अनुमति मामले में केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की अक्षरश: पालना की जा रही है।
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