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राजस्थान में डॉक्टरों की मनमानी पर अंकुश, परामर्श फीस की दरें निर्धारित

तख्ती पर लिखना होगा लेते हैं कितनी फीस, रसीद भी देनी होगी
श्रीगंगानगर। राजस्थान सरकार ने मरीजों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए सरकारी डॉक्टर्स की फीस की मनमानी पर शिकंजा कस दिया है. सरकार ने अब डॉक्टर्स द्वारा ली जाने वाली परामर्श फीस की दरें तय कर दी है. निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. राजस्थान के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों  को निर्देश जारी कर आदेशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने को कहा गया है. सरकार के इस कदम से डॉक्टर्स की मनमानी पर अंकुश लगेगा. अब डॉक्टरों को घर पर अपने परामर्श कक्ष में फीस की तख्ती भी लगानी होगी. साथ ही मरीज को फीस की रसीद भी देनी होगी।
विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार चिकित्सा अधिकारी/ ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी की फीस प्रति विजिट 75 रुपए और सीनियर मेडिकल अधिकारी/ जूनियर स्पेशलिस्ट/ सहायक प्रोफेसर/ ग्रामीण वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 100 रुपए निर्धारित की गई है. इसी तरह से एसोसिएट प्रोफेसर/ सीनियर स्पेशलिस्ट की 125 रुपए, प्रोफेसर 150 रुपए और सीनियर प्रोफेसर की प्रति विजिट 200 रुपए फीस तय की गई है.
दरअसल राजस्थान सरकार के ध्यान में आया कि डॉक्टर्स अपने निवास पर मरीजों को देखने के लिए निर्धारित राशि से ज्यादा परामर्श फीस ले रहे हैं और शुल्क प्राप्ति की रसीद भी नहीं दी जा रहे हैं. इसके साथ ही डॉक्टर्स ने अपने घरों पर फीस संबंधी की कोई तख्ती भी नहीं लगा रखी है.
अब डॉक्टर्स को घर पर अपने परामर्श कक्ष में फीस की तख्ती भी लगानी होगी. आदेश में कहा गया है कि सरकारी डॉक्टर द्वारा निवास पर ली जाने वाली फीस राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों से ही वसूल की जाए. इसके साथ ही परामर्श फीस की रसीद भी रोगी को दी जाए।

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