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सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वालों को पुलिस नहीं करेगी परेशान

- बाध्य करने व धमकाने वाले अधिकारी पर होगी कार्रवाई
- गृह विभाग ने जारी किए निर्देश
श्रीगंगानगर। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वालों को पूछताछ के नाम पर अब  पुलिस परेशान नहीं कर सकेगी। इसके लिए गृह (ग्रुप-5) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने परिपत्र जारी करके घायलों की तत्काल सहायता करके उनका जीवन बचाने वालों सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग ने यह आदेश हाइकोई में सिविल रिट संख्या 235/2012 पर जारी निर्णय के बारे में जारी किए हैं।
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने एक परिपत्र जारी करके कहा है कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि राजमार्गो/ अन्य मार्गो पर सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले व्यक्तियों को पुलिस थानों में बार-बार बुलाया जाता है। ऐसे में उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दुर्घटनाओं में घायल लोगों की मदद के लिए व्यक्ति नि:संकोच रूप से आगे आएं एवं अनुकूल वातावरण बनने जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को त्वरित सहायता व इलाज मिल सके। दुर्घटना का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है।
परिपत्र के मुताबिक हाइकोर्ट में दायर रिट के निर्णंय के परिपे्रक्ष्य में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पुलिस द्वारा दुर्घटना में मददगार व्यक्ति के साथ किए जाने वाले व्यवहार के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों के अनुसार किसी सड़क दुर्घटना में मददगार व्यक्ति किसी घायल व्यक्ति को निकटतम अस्पताल में लेकर जाता है, तो उसे तत्काल अनुमति दी जायेगी। अगर वह प्रत्यक्षदर्शी है, तो स्वयं का पता बताने के बाद जाने दिया जायेगा। मददगार व्यक्ति किसी सिविल या आपराधिक दायित्व के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। मददगार व्यक्ति अगर दुर्घटना व घायल के बारे में सूचना देता है या किसी अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए फोन करता है, तो उसे फोन पर या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर नाम व व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।  मददगार को विवरण देने के लिए बाध्य करने एवं धमकाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक या विभागीय कार्रवाई की जायेगी। मददगार व्यक्ति अगर दुर्घटना में प्रत्यक्षदर्शी है और जांच पड़ताल में उसकी आवश्यकता है, तो उससे केवल एक बार ही पूछताछ की जायेगी। मददगार व्यक्तियों को अनावश्यक परेशानी न हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

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