जांच अधिकारी ने पीडि़त को बुलाया
- एजेंट द्वारा फर्जी लाइसेंस जारी करने का मामला
- डीटीओ के परिवाद पर पुलिस कर रही है जांच
श्रीगंगानगर। जिला परिवहन अधिकारी कार्याल के बाहर बैठे एजेंट द्वारा फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले की पुलिस जांच कर रही है। जांच अधिकारी ने पीडि़त को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया है। बयान दर्ज होने के बाद एजेंट के बारे में सबूत एकत्रित किए जायेंगे।
जांच अधिकारी हवलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू ने चक 5 जैड निवासी गुरइबादत पुत्र जसप्रीत सिंह बोपाराई को फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर कुछ युवकों, एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परिवाद दिया था। इसकी जांच की जा रही है। गुरइबादत को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया है। वह युवक के बयान दर्ज करने उसके घर गये थे, लेकिन वह मिला नहीं। परिजनों को सूचना देकर बुलाया गया है।
जांच अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि गुरइबादत सिंह ने एक प्रोपर्टी डीलर को लाइसेंस बनवाने के लिए कहा था। इसी प्रोपर्टी डीलर ने फर्जी लाइसेंस जारी करने वाले एजेंट से मिलवाया था। एजेंट ने साढ़े सात हजार रुपए लेकर डीटीओ के फर्जी हस्ताक्षर करके गुरइबादत सिंह को फर्जी लाइसेंस बना कर दे दिया।
इस संबंध में बातचीत करने के लिए जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
गौरतलब है कि इस प्रकरण में एजेंट को बचाने के लिए राजनीतिक प्रयास शुरू हो गये हैं। ऐसे में पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज न करके परिवार की ही जांच करवाई जा रही है।
- डीटीओ के परिवाद पर पुलिस कर रही है जांच
श्रीगंगानगर। जिला परिवहन अधिकारी कार्याल के बाहर बैठे एजेंट द्वारा फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले की पुलिस जांच कर रही है। जांच अधिकारी ने पीडि़त को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया है। बयान दर्ज होने के बाद एजेंट के बारे में सबूत एकत्रित किए जायेंगे।
जांच अधिकारी हवलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू ने चक 5 जैड निवासी गुरइबादत पुत्र जसप्रीत सिंह बोपाराई को फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर कुछ युवकों, एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परिवाद दिया था। इसकी जांच की जा रही है। गुरइबादत को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया है। वह युवक के बयान दर्ज करने उसके घर गये थे, लेकिन वह मिला नहीं। परिजनों को सूचना देकर बुलाया गया है।
जांच अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि गुरइबादत सिंह ने एक प्रोपर्टी डीलर को लाइसेंस बनवाने के लिए कहा था। इसी प्रोपर्टी डीलर ने फर्जी लाइसेंस जारी करने वाले एजेंट से मिलवाया था। एजेंट ने साढ़े सात हजार रुपए लेकर डीटीओ के फर्जी हस्ताक्षर करके गुरइबादत सिंह को फर्जी लाइसेंस बना कर दे दिया।
इस संबंध में बातचीत करने के लिए जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
गौरतलब है कि इस प्रकरण में एजेंट को बचाने के लिए राजनीतिक प्रयास शुरू हो गये हैं। ऐसे में पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज न करके परिवार की ही जांच करवाई जा रही है।
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