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इस बार होली पर नहीं रहेगा भद्रा का साया

-होलिका दहन से कई घंटे पहले ही समाप्त हो जाएगा भद्राकाल
श्रीगंगानगर। इस बार होली पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। नौ मार्च सोमवार को होलिका दहन के समय भद्राकाल का असर नहीं है।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा नौ मार्च सोमवार को तड़के 3.03 बजे आरंभ होगी और रात को 11.17 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा के साथ ही तड़के 3.03 बजे भद्राकाल शुरू हो जाएगा, जो दोपहर में 1.15 बजे तक रहेगा। शाम को प्रदोष काल में 6.30 बजे से 7.20 तक होलिका दहन किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस बार होली पर्व सोमवार को पूर्णिमा तिथि होने से चंद्रमा का प्रभाव ज्यादा रहेगा क्योंकि ज्योतिष के अनुसार सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है। इसके साथ ही स्वराशि स्थित बृहस्पति की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी। इससे गज केसरी योग का प्रभाव रहेगा। तिथि-नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में  होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, शत्रुओं पर भी विजय मिलेगी।
पंडित पाराशर ने बताया कि नौ मार्च को भद्रा का वास पृथ्वी पर रहेगा, लेकिन भद्राकाल सुबह 3.03 बजे से शुरू होकर दोपहर 1.15 तक ही रहेगा। वहीं शाम को प्रदोषकाल में होलिका दहन के समय भद्राकाल नहीं होने से होलिका दहन शुभ फल देने वाला रहेगा। इससे रोग, शोक और दोष दूर होंगे।

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