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किन्नू वैक्सिंग नहीं, ज्यूस इकाई से किसानों को होगा ज्यादा फायदा

- पहले ही बड़ी संख्या में निजी स्तर पर चल रहीं हैं प्रोसेसिंग यूनिटस्
श्रीगंगानगर। सरकार सही में किन्नू उत्पादक किसानों का फायदा चाहती है तो उसे इलाके में किन्नू वैक्सिंग के स्थान पर ज्यूस प्लांट लगाना चाहिए। इलाके में पहले ही बड़ी संख्या में किन्नू वैक्सिंग इकाइयां निजी स्तर पर संचालित हो रहींं हैं।
जानकारों के अनुसार श्रीगंगानगर जिले में करीब 11 हजार हैक्टेयर / 44 हजार बीघा में किन्नू उत्पाद हो रहा है। लाखों क्विंटल किन्नू की पैदावार है। जिला मुख्यालय पर रीको में ही किन्नू के 32 प्रोसेसिंग व वैक्सिंग प्लांट चल रहे हैं। इसके अलावा निकटवर्ती पंजाब के अबोहर क्षेत्र में किन्नू वैक्सिंग इकाइयों की संख्या 60 से अधिक बताई जा रही है, लेकिन इलाके में किन्नू ज्यूस की एक भी अच्छी इकाई नहीं है। ऐसे में यहां सरकारी स्तर पर किन्नू ज्यूस इकाई के लिए आवाज उठाई जाती है तो आने वाले समय में किन्नू उत्पादक किसानों को अधिक फायदा हो सकता है।
विधायक ने की कृषि मंत्री से बात
इलाके में किन्नू के वैक्सिंग के साथ ज्यूस प्लांट लगाने के विषय पर विधायक राजकुमार गौड़ की कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से बात की है। उन्होने बताया कि किन्नू वैक्सिंग इकाई के साथ साथ जिले में किन्नू के ज्यूस का प्लांट सरकारी स्तर पर लगाने का आग्रह कृषि मंत्री से किया है। विधायक ने बताया कि फिलहाल सरकार निजी व पीपीपी मोड पर ज्यूस प्लांट में रूचि दिखाने वालों को हर संभव सुविधा देने को तैयार है। यदि कोई किसान अपनी कृषि भूमि पर ज्यूस प्लांट लगाना चाहता है तो उसे भूमि का भू उपयोग परिवर्तन करवाने की भी जरूरत नहीं है। इसके अलावा कृषि मंत्री ने सरकारी स्तर पर ज्यूस प्लांट के लिए भी प्रयास किए जा रहें हैं। ताकि इलाके के किन्नू उत्पादक किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। 

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