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अब ऑनलाइन पता चलेगा-कहां पर है शराब की दुकान?

मंदिर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र से ठेके की दूरी भी जान सकेंगे
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने पहली बार आबकारी नीति में बदलाव कर शराब दुकान की जियो टैंगिग करने को अनिवार्य कर दिया है। इससे शराब के शौकीन लोग दुकान को खुद ऑनलाइन तलाश सकेंगे। 
शराब दुकान के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। मार्च माह में लॉटरी के जरिये दुकान का आंवटन होगा। लॉटरी के जरिये नाम आने पर समस्त गोदाम व दुकान के लोकेशन ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे। उनके जियो टैग के कॉर्डिनेटर डाटा को ऑनलाइन फीड करके आसपास के स्कूल, धार्मिक स्थल, आंगनबाड़ी व अस्पताल आदि को शामिल कर उनकी स्थिति को स्पष्ट अंकित करना होगा।
इससे यह भी पता चलेगा कि शराब दुकान से मंदिर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र की दूरी कितनी है। बताया जा रहा है कि कई बार यह होता है कि दुकान जिस लोकेशन के लिए स्वीकृत हुई है। उस लोकेशन पर नहीं खुल कर अन्य जगह पर शिफ्ट कर दी जाती है। ऐसे में लोगों की तरफ से विरोध करने पर जांच में पता चलता कि गलत लोकेशन है। ऐसे में दुकान के जियो टैंगिग की प्रक्रिया से लोकेशन की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। वहीं दूरदराज के क्षेत्र में शराब के शौकीनों को दुकान तलाशने में परेशानी नहीं होगी।
ठेकेदार एक-दूसरे
को बेच सकेंगे शराब
नई आबकारी नीति के तहत इस बार ठेकेदारों को नई सुविधा मिलेगी। ठेकेदार एक-दूसरे से शराब का कारोबार कर सकेंगे। अब पूर्व में स्वीकृत लोकेशन पर दुकान लगाने पर ऑनलाइन स्वीकृत मानी जाएगी। इसमें इंस्पेक्टरों की भूमिका में कमी की गई है। नई आबकारी नीति में सरलीकरण करने से शराब व्यवसायियों को बिक्री में फायदा होगा।


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