आरा संचालकों को रिकॉर्ड सहित बुलाया
- अवैध लक्कड़ मंडी का मामला
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। सूरतगढ़ मार्ग-टाइनी टोट्स स्कूल मार्ग पर अवैध लक्कड़ मंडी प्रशासन की छापेमारी के बाद बंद है। मौके पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लक्कड़ी का अवैध धंधा करने वाले लोग अब सूरतगढ़ बाईपास पर सक्रिय हो गये हैं। आज सुबह लकडिय़ों से लदे आधा दर्जन ऊंट-गाड़े पहुुंचे। इस व्यापारी मेें लगे कुछ लोगों ने वहां भी अवैध लकड़ी को बोली पर बेचना शुरू कर दिया।
तहसीलदार संजय अग्रवाल ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक फरवरी को सुबह सात बजे लक्कड़ी की अवैध मंडी पर दबिश दी थी। उस दिन बहुत कम संख्या में लक्कड़ी मिली। मौके से कीकर के 38 पेड़ व शीशम के दस पेड़ जब्त किए गये थे। यह लक्कड़ी कौन लोग लेेकर आये थे, इसका पता लगाया जा रहा है। अवैध लक्कड़ मंडी के निकट स्थित आरा संचालकों को भी लक्कड़ी के स्टॉक रजिस्टर व इनके मालिक की जानकारी सहित बुलाया गया है। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाली जायेगी। उन्होंने बताया कि यहां दुबारा अवैध लक्कड़ मंडी लगने पर कोई भी व्यक्ति उन्हें सूचना दे सकता है।
उन्होंने बताया कि बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति एक पेड़ भी काट नहीं सकता और यहां हजारों की संख्या में प्रतिदिन लक्कड़ी आने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि मौके पर अब लक्कड़ मंडी एक फरवरी से बंद है।
लक्कड़ी के एक व्यापारी ने बताया कि काश्तकार ही अपने खेत की लक्कड़ी आरे तक ला सकता है, लेकिन मंडी में काश्तकार से खरीद कर यहां लक्कडी लाई जा रही थी।
गौरतलब है कि अवैध लक्कड़ मंडी में अवैध रूप से भारी संख्या मेें लक्कड़ी को बेच कर बड़े पैमाने पर मंडी शुल्क भी चोरी हो रहा था। इस मंडी के बंद होने पर अब नई धानमंडी में संचालित लक्कड़ मंडी की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। सूरतगढ़ मार्ग-टाइनी टोट्स स्कूल मार्ग पर अवैध लक्कड़ मंडी प्रशासन की छापेमारी के बाद बंद है। मौके पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लक्कड़ी का अवैध धंधा करने वाले लोग अब सूरतगढ़ बाईपास पर सक्रिय हो गये हैं। आज सुबह लकडिय़ों से लदे आधा दर्जन ऊंट-गाड़े पहुुंचे। इस व्यापारी मेें लगे कुछ लोगों ने वहां भी अवैध लकड़ी को बोली पर बेचना शुरू कर दिया।
तहसीलदार संजय अग्रवाल ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक फरवरी को सुबह सात बजे लक्कड़ी की अवैध मंडी पर दबिश दी थी। उस दिन बहुत कम संख्या में लक्कड़ी मिली। मौके से कीकर के 38 पेड़ व शीशम के दस पेड़ जब्त किए गये थे। यह लक्कड़ी कौन लोग लेेकर आये थे, इसका पता लगाया जा रहा है। अवैध लक्कड़ मंडी के निकट स्थित आरा संचालकों को भी लक्कड़ी के स्टॉक रजिस्टर व इनके मालिक की जानकारी सहित बुलाया गया है। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाली जायेगी। उन्होंने बताया कि यहां दुबारा अवैध लक्कड़ मंडी लगने पर कोई भी व्यक्ति उन्हें सूचना दे सकता है।
उन्होंने बताया कि बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति एक पेड़ भी काट नहीं सकता और यहां हजारों की संख्या में प्रतिदिन लक्कड़ी आने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि मौके पर अब लक्कड़ मंडी एक फरवरी से बंद है।
लक्कड़ी के एक व्यापारी ने बताया कि काश्तकार ही अपने खेत की लक्कड़ी आरे तक ला सकता है, लेकिन मंडी में काश्तकार से खरीद कर यहां लक्कडी लाई जा रही थी।
गौरतलब है कि अवैध लक्कड़ मंडी में अवैध रूप से भारी संख्या मेें लक्कड़ी को बेच कर बड़े पैमाने पर मंडी शुल्क भी चोरी हो रहा था। इस मंडी के बंद होने पर अब नई धानमंडी में संचालित लक्कड़ मंडी की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।
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