आटो सेक्टर में बीएस-4 वाहनों पर ग्राहकों के लिए छूट
- एक अप्रेल से होगा केवल बीएस-6 वाहनों का रजिस्ट्रेशन
श्रीगंगानगर। वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों बीएस-4 मॉडल के सभी वाहनों की एक अप्रेल से बिक्री बंद करने का आदेश कर ऑटो सेक्टर में चार साल पहले जैसी हलचल पैदा कर दी है। इसके बाद केवल बीएस-6 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2016 में बीएस-3 मॉडल खारिज कर दिए थे। उस समय भी कंपनियों में स्टॉक खत्म करने के लिए भारी छूट दिए जाने की होड़ लग गई थी।
अभी श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में कुछ कंपनियों ने बीएस-6 मानक वाले दोपहिया वाहन लांच किए हैं और उम्मीद है कि अगले 15 दिन में अन्य वाहन निर्माता कंपनियां भी डीलर्स को इन वाहनों की सप्लाई शुरू कर देंगी। पेट्रोलियम कंपनियों ने बीएस-6 वाहनों के लिए ईंधन (डीजल-पेट्रोल) कन्वर्जन की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले 23 जुलाई 2018 को अपने एक आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2020 के बाद बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री नहीं की जा सकेगी। इसे देखते कई ऑटो कंपनियों ने पुराना स्टॉक क्लीयर करने के लिए बीएस-4 मॉडल का उत्पादन बंद कर दिया था और डीलरों ने भी इन वाहनों को मंगवाना बंद कर दिया था। इसके बावजूद उनके पास पुराने वाहनों का स्टॉक बचा रहा। इसे देखते हुए आटो डीलर्स ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिए एक माह का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश को प्रभावी रखते हुए उसमें कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया।
इससे उन सभी आटो डीलर्स में खलबली मच गई, जिनके पास बीएस-4 वाहनों का पुराना स्टॉक ज्यादा बचा है। ऐसे आटो डीलर्स ने इन वाहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए भारी छूट देना शुरू कर दी है। खास यह है कि जिन कंपनियों के पास पुराना स्टॉक ज्यादा बचा है, उन्होंने उसी अनुपात में छूट का ऑफर भी बढ़ा दिया है। डीलर्स दोपहिया वाहनों पर 10,000 से 15,000 रुपए तक छूट दे रहे हैं। ऐसे में वाहन खरीददारों की बन आई है और उन्होंने खरीद शुरू कर दी है। इस कारण बीएस-4 मानक वाले वाहनों की मांग में तेजी आने के साथ बीएस-6 मानक वाले स्कूटर की खरीद के लिए लोग शोरूम पर पहुंचने लगे हैं।
वाहन कंपनियां बीएस-4 वाहनों का प्रोडक्शन पहले ही बंद कर चुकी हैं। जिला मुख्यालय पर जिन डीलर्स के पास बीएस-4 वाहनों का स्टॉक है। उनके लिए कम्पनियां ग्राहकों को छोटे वाहनों (टू व्हीलर्स) पर 15 हजार तक तथा बड़े वाहनों (कारों) पर डेढ़ लाख तक के फायदे दे रही है। वहीं कुछ डीलर्स के पास बीएस-6 मानक की गाडिय़ां भी आ चुकी हैं। यह गाडिय़ां बीएस-4 से कुछ महंगी हैं।
ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो सभी तरह की छूट या फायदों को दरकिनार कर बीएस-6 मानक के वाहन ही लेना चाहते हैं। बीएस-6 मानक के वाहनों के इंजन में आवाज बिल्कुल नहीं होती और स्टार्टिंग भी आसान है। प्रदूषण की दृष्टि से यही वाहन उपयोगी साबित होंगे।
15 मार्च तक बीएस-4 वाहन बेचने की होड़
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही 31 मार्च तक बीएस-4 श्रेणी के वाहनों की बिक्री करने की इजाजत दी हो, आटो डीलर्स में ऐसे वाहनों का स्टॉक 15 मार्च तक निकालने की होड़ लगी है। उनका मानना है कि ऐसे जो भी वाहन बिकेंगे, उनका परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में कम से कम दो सप्ताह का वक्त लग जाएगा। ऐसी स्थिति में मार्च के अंतिम सप्ताह में बिकने वाले वाहनों के तत्काल पंजीकरण में न सिर्फ उन्हें बल्कि ग्राहकों को कठिनाई हो सकती है। यही कारण है कि अधिकतर ऑटो डीलर बीएस-4 वाहनों पर छूट से आकर्षित होकर उनके बारे में पूछताछ के लिए आने वालों को यह भी बता रहे हैं कि बीएस-6 मानक वाली गाडिय़ों की लागत 10,000 से 80,000 रुपये तक बढ़ जाएगी।
मार्च में शुरू होगी बीएस-6 वाहनों को ईधन आपूर्ति
बीएस-6 मानक वाले वाहन भले ही मार्केट में आ गए हों, अभी पेट्रोल पंपों पर उनके ईंधन की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। यहां जोधपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के डिपो में बीएस-6 मानक वाले वाहनों के लिए डीजल-पेट्रोल की कन्वर्जन टेस्टिंग शुरू हो चुकी है और जिले के सभी पेट्रोल पंपों को मार्च के प्रथम सप्ताह से ईधन की सप्लाई शुरू करवा दी जाएगी। जिला पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर ईंधन का पुराना स्टॉक खत्म होने के साथ खाली टैंकों में नया ईंधन स्टोर करने की व्यवस्था की जाएगी।
श्रीगंगानगर। वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों बीएस-4 मॉडल के सभी वाहनों की एक अप्रेल से बिक्री बंद करने का आदेश कर ऑटो सेक्टर में चार साल पहले जैसी हलचल पैदा कर दी है। इसके बाद केवल बीएस-6 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2016 में बीएस-3 मॉडल खारिज कर दिए थे। उस समय भी कंपनियों में स्टॉक खत्म करने के लिए भारी छूट दिए जाने की होड़ लग गई थी।
अभी श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में कुछ कंपनियों ने बीएस-6 मानक वाले दोपहिया वाहन लांच किए हैं और उम्मीद है कि अगले 15 दिन में अन्य वाहन निर्माता कंपनियां भी डीलर्स को इन वाहनों की सप्लाई शुरू कर देंगी। पेट्रोलियम कंपनियों ने बीएस-6 वाहनों के लिए ईंधन (डीजल-पेट्रोल) कन्वर्जन की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले 23 जुलाई 2018 को अपने एक आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि 31 मार्च 2020 के बाद बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री नहीं की जा सकेगी। इसे देखते कई ऑटो कंपनियों ने पुराना स्टॉक क्लीयर करने के लिए बीएस-4 मॉडल का उत्पादन बंद कर दिया था और डीलरों ने भी इन वाहनों को मंगवाना बंद कर दिया था। इसके बावजूद उनके पास पुराने वाहनों का स्टॉक बचा रहा। इसे देखते हुए आटो डीलर्स ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिए एक माह का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश को प्रभावी रखते हुए उसमें कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया।
इससे उन सभी आटो डीलर्स में खलबली मच गई, जिनके पास बीएस-4 वाहनों का पुराना स्टॉक ज्यादा बचा है। ऐसे आटो डीलर्स ने इन वाहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए भारी छूट देना शुरू कर दी है। खास यह है कि जिन कंपनियों के पास पुराना स्टॉक ज्यादा बचा है, उन्होंने उसी अनुपात में छूट का ऑफर भी बढ़ा दिया है। डीलर्स दोपहिया वाहनों पर 10,000 से 15,000 रुपए तक छूट दे रहे हैं। ऐसे में वाहन खरीददारों की बन आई है और उन्होंने खरीद शुरू कर दी है। इस कारण बीएस-4 मानक वाले वाहनों की मांग में तेजी आने के साथ बीएस-6 मानक वाले स्कूटर की खरीद के लिए लोग शोरूम पर पहुंचने लगे हैं।
वाहन कंपनियां बीएस-4 वाहनों का प्रोडक्शन पहले ही बंद कर चुकी हैं। जिला मुख्यालय पर जिन डीलर्स के पास बीएस-4 वाहनों का स्टॉक है। उनके लिए कम्पनियां ग्राहकों को छोटे वाहनों (टू व्हीलर्स) पर 15 हजार तक तथा बड़े वाहनों (कारों) पर डेढ़ लाख तक के फायदे दे रही है। वहीं कुछ डीलर्स के पास बीएस-6 मानक की गाडिय़ां भी आ चुकी हैं। यह गाडिय़ां बीएस-4 से कुछ महंगी हैं।
ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो सभी तरह की छूट या फायदों को दरकिनार कर बीएस-6 मानक के वाहन ही लेना चाहते हैं। बीएस-6 मानक के वाहनों के इंजन में आवाज बिल्कुल नहीं होती और स्टार्टिंग भी आसान है। प्रदूषण की दृष्टि से यही वाहन उपयोगी साबित होंगे।
15 मार्च तक बीएस-4 वाहन बेचने की होड़
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही 31 मार्च तक बीएस-4 श्रेणी के वाहनों की बिक्री करने की इजाजत दी हो, आटो डीलर्स में ऐसे वाहनों का स्टॉक 15 मार्च तक निकालने की होड़ लगी है। उनका मानना है कि ऐसे जो भी वाहन बिकेंगे, उनका परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में कम से कम दो सप्ताह का वक्त लग जाएगा। ऐसी स्थिति में मार्च के अंतिम सप्ताह में बिकने वाले वाहनों के तत्काल पंजीकरण में न सिर्फ उन्हें बल्कि ग्राहकों को कठिनाई हो सकती है। यही कारण है कि अधिकतर ऑटो डीलर बीएस-4 वाहनों पर छूट से आकर्षित होकर उनके बारे में पूछताछ के लिए आने वालों को यह भी बता रहे हैं कि बीएस-6 मानक वाली गाडिय़ों की लागत 10,000 से 80,000 रुपये तक बढ़ जाएगी।
मार्च में शुरू होगी बीएस-6 वाहनों को ईधन आपूर्ति
बीएस-6 मानक वाले वाहन भले ही मार्केट में आ गए हों, अभी पेट्रोल पंपों पर उनके ईंधन की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। यहां जोधपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के डिपो में बीएस-6 मानक वाले वाहनों के लिए डीजल-पेट्रोल की कन्वर्जन टेस्टिंग शुरू हो चुकी है और जिले के सभी पेट्रोल पंपों को मार्च के प्रथम सप्ताह से ईधन की सप्लाई शुरू करवा दी जाएगी। जिला पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर ईंधन का पुराना स्टॉक खत्म होने के साथ खाली टैंकों में नया ईंधन स्टोर करने की व्यवस्था की जाएगी।
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