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निलम्बन की तलवार से आगे टिड्डी दल बना ढाल

- चुनाव प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने पर आरओ पर गाज गिरते-गिरते बची
श्रीगंगानगर। पंचायत आम चुनाव 2020 के लिए आयोजित प्रशिक्षण में अनुपस्थित पाए गये रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) पर निलम्बन की तलवार के आगे टिड्डी दल ढाल बन गया। जिला प्रशासन ने आरओ को निलम्बित करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया, लेकिन ऐन वक्त पर आरओ द्वारा टिड्डी दल के निरीक्षण में जाने का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने पर निलम्बन की कार्यवाही पर अचानक ब्रेक लगा दिए गये।
सूत्रों के अनुसार कृषि अधिकारी सहायक निदेशक (कृषि विस्तार) रामनिवास चौधरी को पंचायत आम चुनाव में रिटर्रिंग अधिकारी नियुक्त किया गया था। आरओ को चौधरी बल्लूराम गोदारा कॉलेज में चुनाव संबंधी कार्यो का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 5 जनवरी को बुलाया गया था, लेकिन आरओ प्रशिक्षण में अनुपस्थित पाए गये। ऐसे में जिला प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए आरओ रामनिवास चौधरी को चुनाव कार्य में लापरवाही का दोषी ठहराते हुए निलम्बित करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया। फाइल अफसरों के हस्ताक्षरों के साथ चल पड़ी, लेकिन ऐन वक्त पर आरओ को निलम्बन की तलवार लटकने की भनक लग गई। बिरादरी के कई अफसर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते के दरबार में पहुंच गये और दलील दी कि कृषि अधिकारी 5 जनवरी को अचानक जिले में टिड्डी दल के आने की सूचना पर निरीक्षण करने के लिए अनूपगढ़ व खाजूवाला इलाके में चले गये। इस कारण चुनाव प्रशिक्षण कार्य में अनुपस्थित थे। जिला कलेक्टर ने आरओ से लिखित में अपना स्पष्टीकरण मांगा और निलम्बन की कार्यवाही पर ब्रेक लगा दिया। ऐसे में टिड्डी दल ने आरओ के निलम्बन को रूकवा कर राहत प्रदान की। यह मामला आज कलेक्ट्रेट के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ था।
कृषि विभाग के सूत्रों के मुताबिक कृषि अधिकारी रामनिवास चौधरी ने जिला प्रशासन को प्रस्तुत अपने जवाब में बताया है कि 4 जनवरी को रात आठ बजे कृषकों से अनूपगढ़ व खाजूवाला इलाके में टिड्डी दल के आने की सूचना मिली। इस पर उन्हें अनूपगढ़ व खाजूवाला इलाके में टिड्डी दल का निरीक्षण करने जाना पड़ा। इसी कारण वह चुनाव प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं हो सके। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि आरओ रामनिवास चौधरी उस दिन शहर में ही थे, लेकिन प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं हुए।


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