जयपुर में मुख्य नगर नियोजक करेंगे आपत्तियों का निस्तारण
- नए मास्टर प्लान पर 30 दिन में आई 925 आपत्तियां
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार की ओर से श्रीगंगानगर शहर के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान के प्रारूप पर निर्धारित 30 दिन की अवधि में लगभग सवा नौ सौ आपत्तियां दर्ज हुई हैं। नगर विकास न्यास में अब इन आपत्तियों की छंटाई व सूची संधारण का काम किया जा रहा है। आगामी सप्ताह में आपत्तियों का बंडल बना कर जयपुर में मुख्य नगर नियोजक विभाग को भिजवा दिया जाएगा। वहीं पर इन आपत्तियों का निस्ताण होगा।
नगर विकास न्यास सूत्रों ने बताया कि बीती 11 दिसम्बर को प्रशासन ने नए मास्टर प्लान का प्रारूप जारी करते हुए आम नगरिकों को 30 दिन का समय आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए दिया गया था। यह अवधि कल शाम को समाप्त हो गई। इस दौरान 925 आपत्तियां जमा की गई हैं। न्यास के सहायक नगर नियोजक ने बताया कि अब इन आपत्तियों को निस्तारण के लिए व्यवस्थित कर जयपुर मुख्य नगर नियोजक को भिजवाया जाएगा। वहीं से आपत्तियों के निस्तारण के बाद नए मास्टर प्लान का फाइनल प्रारूप जारी होगा।
एक साल बाद भी नहीं हुआ हनुमानगढ़ मास्टर प्लान की आपत्तियों का निस्तारण
श्रीगंगानगर के नए मास्टर प्लान पर आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। यूआईटी सूत्रों के अनुसार करीब एक साल पहले हनुमानगढ़ के नए मास्टर प्लान के प्रारूप पर आपत्तियां मांगी गई थीं। निर्धारित अवधि में वहां भी ढेरों आपत्तियां दर्ज हुई। हनुमानगढ़ नगर परिषद ने सभी आपत्तियां बांध कर निस्तारण के लिए जयपुर भिजवा दी थीं। वहां से आज तक आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ है। इस कारण हनुमानगढ़ का नया मास्टर प्लान भी फाइनल नहीं हो पा रहा। अब श्रीगंगानगर मास्टर प्लान से संबंधित आपत्तियों का निस्ताण कब तक होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।
क्या कर रहे हैं हमारे जनप्रतिनिधि
शहर के नए मास्टर प्लान मामले में इलाके के जनप्रतिनिधि कुछ नहीं कर रहे। गाहे बगाहे मीडिया व आमजन के सामने बड़ी बड़ी बातें करने वाले ये जनप्रतिनिधि इस मामले में खामोश क्यों हैं। सरकार कोई भी घोषणा या काम करे तो ये जनप्रतिनिधि बड़े बड़े बयान जारी कर खुद को श्रेय देने से भी नहीं चूकते जबकि मास्टर प्लान पर दर्ज हो रही गंभीर आपत्तियों व पूर्व में मास्टर प्लान के पूरी तरह लागू नहीं होने से आमजन की परेशानियों के विषय में इन जनप्रतिनिधियों ने रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है।
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार की ओर से श्रीगंगानगर शहर के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान के प्रारूप पर निर्धारित 30 दिन की अवधि में लगभग सवा नौ सौ आपत्तियां दर्ज हुई हैं। नगर विकास न्यास में अब इन आपत्तियों की छंटाई व सूची संधारण का काम किया जा रहा है। आगामी सप्ताह में आपत्तियों का बंडल बना कर जयपुर में मुख्य नगर नियोजक विभाग को भिजवा दिया जाएगा। वहीं पर इन आपत्तियों का निस्ताण होगा।
नगर विकास न्यास सूत्रों ने बताया कि बीती 11 दिसम्बर को प्रशासन ने नए मास्टर प्लान का प्रारूप जारी करते हुए आम नगरिकों को 30 दिन का समय आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए दिया गया था। यह अवधि कल शाम को समाप्त हो गई। इस दौरान 925 आपत्तियां जमा की गई हैं। न्यास के सहायक नगर नियोजक ने बताया कि अब इन आपत्तियों को निस्तारण के लिए व्यवस्थित कर जयपुर मुख्य नगर नियोजक को भिजवाया जाएगा। वहीं से आपत्तियों के निस्तारण के बाद नए मास्टर प्लान का फाइनल प्रारूप जारी होगा।
एक साल बाद भी नहीं हुआ हनुमानगढ़ मास्टर प्लान की आपत्तियों का निस्तारण
श्रीगंगानगर के नए मास्टर प्लान पर आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। यूआईटी सूत्रों के अनुसार करीब एक साल पहले हनुमानगढ़ के नए मास्टर प्लान के प्रारूप पर आपत्तियां मांगी गई थीं। निर्धारित अवधि में वहां भी ढेरों आपत्तियां दर्ज हुई। हनुमानगढ़ नगर परिषद ने सभी आपत्तियां बांध कर निस्तारण के लिए जयपुर भिजवा दी थीं। वहां से आज तक आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ है। इस कारण हनुमानगढ़ का नया मास्टर प्लान भी फाइनल नहीं हो पा रहा। अब श्रीगंगानगर मास्टर प्लान से संबंधित आपत्तियों का निस्ताण कब तक होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।
क्या कर रहे हैं हमारे जनप्रतिनिधि
शहर के नए मास्टर प्लान मामले में इलाके के जनप्रतिनिधि कुछ नहीं कर रहे। गाहे बगाहे मीडिया व आमजन के सामने बड़ी बड़ी बातें करने वाले ये जनप्रतिनिधि इस मामले में खामोश क्यों हैं। सरकार कोई भी घोषणा या काम करे तो ये जनप्रतिनिधि बड़े बड़े बयान जारी कर खुद को श्रेय देने से भी नहीं चूकते जबकि मास्टर प्लान पर दर्ज हो रही गंभीर आपत्तियों व पूर्व में मास्टर प्लान के पूरी तरह लागू नहीं होने से आमजन की परेशानियों के विषय में इन जनप्रतिनिधियों ने रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है।
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