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ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों के पुनर्गठन के बाद आरक्षण व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट

पंचायत चुनाव 2020 : रोक हटने के बाद ग्रामीण विभाग एवं पंचायती राज ने जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश
श्रीगंगानगर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने पंचायती राज संस्थाओं के वार्डो का गठन एवं आम चुनाव 2020 में आरक्षण व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट कर दी है। इस संबंध में पंचायती राज के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है।
जारी आदेश के तहत विभागीय अधिसूचना दिनांक 1 दिसम्बर 2019 व 12 दिसम्बर 2019 के द्वारा किसी ग्राम पंचायत/ पंचायत समिति का नवसृजन हुआ है या पुनर्गठन हुआ तो इसी के अनुसार वार्डो का पुन:निर्धारण करना है। उन ग्राम पंचायतों/पंचायत समितियों वार्डो का पुन:निर्धारण नहीं करना है जो उक्त अधिसूचना से प्रभावित नहीं है, क्योंकि पूर्व में आपके द्वारा विभागीय अधिसूचना दिनांक 15 नवम्बर 2019 व संशोधन 23 नवम्बर 2019 के अनुसार वार्डो का पुन:निर्धारण कर लिया था।
आदेश में निर्देशित किया गया है कि जिला परिषद में वार्डो का पुन:निर्धारण नहीं किया जाना है, किन्तु 1 दिसम्बर 2019 व 12 दिसम्बर 2019 की विभागीय अधिसूचना के कारण जिला परिषद के वार्ड में कोई पंचायत टूट रही है तो उस पूरी पंचायत को एक वार्ड में रखा जाना है।
आरक्षण : उन ग्राम पंचायतों में वार्डो का पुन: आरक्षण करना है, जिनमें 1 दिसम्बर 2019 व 12 दिसम्बर 2019 की विभागीय अधिसूचना के कारण नये वार्ड बने है या वार्डो की संख्या कम हुई है। ऐसी स्थिति में पूरी ग्राम पंचायत के वार्डो का आरक्षण पुन: नियमानुसार किया जाना है, किन्तु नये वार्ड बनने या कम होने से भी आरक्षण अप्रभावित है, तो भी पुन: आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। उन ग्राम पंचायतों में वार्डो का आरक्षण पुन: नहीं किया जाना है जिनमें 1 दिसम्बर 2019 व 12 दिसम्बर 2019 की विभागीय अधिसूचना से कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अर्थात न तो कोई वार्ड नया बना है और न ही कोई वार्ड कम हुआ है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी डा. गुंजन सोनी ने बताया कि विभाग ने सरपंच पद के आरक्षण का पुन: निर्धारण के संबंध में निर्देशित किया है कि यदि किसी पंचायत समिति में कोई नई ग्राम पंचायत का सृजन हुआ है या पुन: गठन हुआ है तो सम्पूर्ण पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों की जनसंख्या के अवरोही क्रम में रखते हुए सम्पूर्ण पंचायत समिति के सरपंच पदों का आरक्षण पुन: नियमानुसार निर्धारित करना है, किन्तु ग्राम पंचायतों के पुन:गठन से पूर्व में निर्धारित सरपंच के पद का आरक्षण प्रभावित नहीं होता है तो पुन: आरक्षण निर्धारण की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि पंचायत समिति के नवसृजन एवं पुन:गठन के कारण पंचायत समिति के नये वार्ड बने हैं या कम हुए हैं, तो सम्पूर्ण पंचायत समिति के वार्डो का आरक्षण पुन:निर्धारण करना है, किन्तु पुन:गठन के कारण पूर्व में निर्धारित आरक्षण प्रभावित नहीं होता है तो पुन: आरक्षण करने की आवश्यकता नहीं है। जिले में पंचायत समिति का नवसृजन या पुन:गठन हुआ है तो जिले के प्रधानों का आरक्षण पुन: निर्धारण किया जाना है, किन्तु पुन:गठन के कारण पूर्व में निर्धारित आरक्षण प्रभावित नहीं होता है तो पुन: आरक्षण किए जाने की आवश्यकता नहीं है। जिला परिषद के वार्ड में ग्राम पंचायत/पंचायत समिति के नवसृजन या पुन:गठन के कारण किसी वार्ड की जनसंख्या में परिवर्तन होता है तो सम्पूर्ण जिला परिषद के वार्डो की जनसंख्या के अवरोही क्रम में रखने पर यदि पूर्व निर्धारित आरक्षण प्रभावित होता है तो ही पुन: आरक्षण करना है अन्यथा नहीं।

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